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जिसको न दे मौला, उसको क्या देगा आसफउद्दौला | Jisko Na De Maula, Usko Kya Dega Aasfudaulla

Jisko Na De Maula, Usko Kya Dega Usfuhola- एक फकीर ने एक गांव के किनारे डेरा लगा लिया। फकीर सुबह ही गांव में भीख मांगने निकल आता था इसी गांव में एक दिन उस रियासत का एक कारिंदा आया। इस गांव में फकीर को भीख मांगते देखकर उसे अचरज हुआ। यह गांव आसफउद्दौला की रियासत का था और उसकी रियासत में कोई भीख नहीं मांगता था।

Jisko Na De Maula, Usko Kya Dega Aasfudaulla

नवाब आसफउद्दौला भीख मांगने वाले को इतना दे देता था कि वह दोबारा उसकी रियासत में भीख नहीं मांगता था। उस कारिंदा ने फकीर से कहा, “आप नवाब आसफउद्दौला के पास चले जाइए। वे आपको इतना दे देंगे कि आपको फिर भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। नवाब के बारे में कहा जाता है “जिसको न दे मौला, उसको दे आसफउद्दोला उस कारिंदा की बात सुनकर वह फकीर हंस दिया।

उसने कारिंदा से कहा “जिसको न दे मीला, उसको क्या देगा आनफाटा दूसरे दिन कारिंदा ने यह बात नवाब साहब को सुनाई। नवाब साहब शुक्रवार को भिखारियों को खैरात वांटते थे। अगले दिन नवाब ने कई गाड़ियां तरबूज मंगवाए और भिखारियों को बांटने लगे। लेने वाले एक पंक्ति बनाकर खड़े हुए थे। वह फकीर भी उसी पंक्ति में खड़ा हो गया था।

जब उस फकीर की बारी आई तो कारिंदा ने नवाब साहब को इशारा कर दिया। नवाब ने फकीर को एक बड़ा तरबूज दे दिया। फकीर के बाद एक भिखारी था। उसके साथ दो बच्चे भी थे। नवाब ने उन तीनों के लिए एक छोटा तरबूज दिया था। वह फकीर जाते हुए उस भिखारी को रोका और कहा, “भाई तुम्हारे साथ दो बच्चे हैं, इसलिए तुम यह बड़ा तरबूज ले लो।

मैं अकेला हूं। तुम्हारे वाले छोटे तरबूज से मेरा पेट भर जाएगा।” वह कुछ बोला नहीं। अपना तरबूज आगे बढ़ा दिया। फकीर ने उसका तरबूज लेकर उसे अपना तरबूज दे दिया। डेरे पर आकर फकीर ने तरबूज खाया और सो गया। दूसरे दिन वह कारिंदा फिर उसी गांव में आया। उसने देखा, वही फकीर गांव में भीख मांग रहा है।

उस कारिंदा ने नवाब से जाकर कहा कि वह फकीर आज भी उस गांव में भीख मांग रहा था। नवाब को बहुत गुस्सा आया। नवाब ने फकीर के पास हरकारा भेजा। हरकारे ने फकीर से कल दरबार में आने के लिए कहा। दूसरे दिन फकीर नवाव के दरबार में पहुंच गया। फकीर का अदव करते हुए नवाब ने कहा,

“मैंने जो आपको तरबूज दिया था, वह अशर्फियों और हीरे-जवाहरातों से भरा हुआ था। आप फिर भी भीख मांग रहे हैं। “फकीर ने बड़े शांत स्वभाव से कहा, “आपने जो तरबूज मुझे दिया था, वह तो मैंने उसे दे दिया था, जिसके साथ दो बच्चे थे। मैंने उसका तरबूज ले लिया था और शाम को ही खा लिया था।

जो आपने अशर्फियों और हीरे-जवाहरातों वाला तरबूज दिया था, वह मुझे थोड़े ही दिया था। वह तो उस भिखारी को दिया था, सो उसके पास चला गया। जब फकीर चला गया, तो नवाब आसफउद्दीला को कारिंदा से कहीं हुई उसकी बात याद आती रही ‘जिसको न दे मीला, उसको क्या देगा आसफउद्दौला ।’

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Rahul Patil
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Rahul Patil is the founder of TechYatri.com, With a bachelor’s degree in computer science, Rahul specializes in delivering insightful gadget reviews, software reviews, Tech trends, and detailed how-to guides. Through TechYatri, he aims to simplify complex tech concepts and provide trustworthy, reliable content to a growing audience of tech enthusiasts.

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