Tote Ki Samadhi Story In Hindi- एक बार बादशाह अकबर ने एक तोता खरीदा। तोता बड़ा ज्ञानी था। बड़ी अच्छी-अच्छी बातें करता था। बादशाह ने ‘उसकी देखभाल के लिए एक आदमी नियुक्त कर दिया और उसे सख्त हिदायत दी कि अगर तुम्हारी लापरवाही से तोता मर गया और यह खबर तुम मेरे पास लेकर आए तो तुम्हें फाँसी पर चढ़ा दिया जाएगा।
नौकर तन-मन से तोते की सेवा करने लगा। मगर इसे वक्त की मार ही कहेंगे कि इतनी अच्छी देखभाल के बाद भी तोता मर गया। अब तोते का रखवाला बड़ा घबराया। उसके पसीने छूटने लगे। वह जानता था कि इधर उसने बादशाह अकबर को जाकर तोते के मरने की खबर सुनाई, उधर बादशाह ने उसकी फाँसी का हुक्म जारी किया।
सुबह से दोपहर हो गई। वह रोता रहा और अपनी किस्मत कोसता रहा। अचानक उसे बीरबल का ख्याल आया तो वह उछलकर खड़ा हो गया और कुछ ही पलों बाद बीरबल के पास जा पहुँचा। उसने जाते ही बीरबल के पाँव पकड़े और बोला, “रक्षा! हुजूर रक्षा।
“अरे….रे… कौन हो तुम, उठो । बताओ क्या बात है?” तोते के रखवाले ने उसे बताया कि क्या बात थी। पूरी बात सुनकर बीरबल गम्भीर हो गए। फिर उन्होंने रखवाले को एक युक्ति बताकर विदा कर दिया और स्वयं भी राजदरबार के लिए चल दिए। कुछ समय बाद रखवाला दरबार में हाजिर हुआ और बोला, “महाराज! जल्दी चलिए।” ‘क्या बात है? तोता तो ठीक है न?
‘हाँ महाराज! ठीक तो है, किन्तु अजीब सी हालत में उसने समाधि ले ली है।” रखवाला बोला, “न कुछ बोल रहा है, न खा रहा है, न पी रहा है, न हिल रहा है, न डुल रहा है। अब आप ही चल कर देखिए। “महाराज बीरबल के साथ वहाँ पहुँचे और तोते की हालत देखकर बोले, “अरे मूर्ख! सीधी तरह क्यों नहीं बताया कि तोता मर गया!
“यह ऐसा कैसे कह सकता था जहाँपनाह। इसने फाँसी पर थोड़े ही लटकना था। “ओह!” महाराज ने कहा, “तो यह कारस्तानी तुम्हारी है। सच बीरबल ! तुमने आज एक गरीब की जान और बचा ली। “बीरबल मुस्कराकर रह गए।
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