आप कहीं सारे दिनों से अटल टनल के बारे में सुन रहे होंगे. न्यूज़ चैनल हो या सोशल मीडिया हर जगह आपको अटल टनल सुनने को मिल रहा होगा. और आपके मन में यह सवाल भी हमेशा ही आता होगा कि अटल टनल क्या है ? तो आज के इस आर्टिकल में हम इसी के बारे में विस्तार से जानने वाले हैं. जिसमें हम देखने वाले हैं कि अटल टनल की लंबाई कितनी है? अटल टनल बनाने में कितना खर्चा आया है? और अटल टनल को बनाने का काम कब से चल रहा था ?
अटल टनल अब तक की दुनिया की सबसे लंबी टनल है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 10040 फीट की है. यह किसी अजूबे से कम नहीं है क्योंकि पूरे दुनिया में भारत ने अटल टनल बनाकर अपना नाम रोशन किया है. यह भारत के लिए एक उपलब्धि से कम नहीं है. इस टनल में काफी सारी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है. यह टनल सुरक्षा के हिसाब से भी पूरी तरह सज्ज है.
अटल टनल का उद्घाटन किसने और कब किया ?
अटल टनल का हाल ही में हिमाचल प्रदेश किंग रोहतांग में नरेंद्र मोदी द्वारा 3 अक्टूबर 2020 को उद्घाटन किया गया .उस समय देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे . सुरंग की दक्षिण हिस्से को जोड़ने वाली सड़क की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई. कुछ 8 दशमलव 8 किलोमीटर लंबी सुरंग 3000 किलोमीटर ऊंचाई पर बनाई गई अटल टनल दुनिया की सबसे लंबी सुरंग है.
अटल टनल का विचार सबसे पहले उस वक्त प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था. लेकिन इंदिरा गांधी ने इसका विचार ही किया था. उस पर काम तो अटल जी ने अपनी सरकार के वक्त ने किया था. तब उसका नाम रोहतांग टनल रखा गया था बाद में उसे आज के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अटल टनल रखा. लेकिन उस समय भी यह काम अटल बिहारी जी के रहते हुए पूरा नहीं हुआ. पर अटल टनल बनना उसी वक्त तय हो गया था. लेकिन अटल बिहारी जी की सरकार काफी दिनों तक चल नहीं सकती. उसके बाद कांग्रेस की सरकार में सोनिया गांधी ने 2010 में इसकी आधारशिला रखी थी. और उसी समय बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन इस पर काम भी शुरू कर दिया था.
अटल टनल क्यों बनाई गयी ?
अटल टनल बनाने का मुख्य उद्देश्य था, हमारी सेना चीन और भारत की बॉर्डर पर किसी भी मौसम में और किसी ने वक्त में जल्दी से पहुंच सके. अटल टनल क्या है ? यह तो हमने पता कर लिया लेकिन अब जानते है अटल टनल क्यों बनाई गयी. इस टनल के बनने से भारतीय सेना की काफी दिक्कतें कम होने वाली थी,जो कि सर्दियों में उन्हें झेलनी पड़ती थी. इस सुरंग के बनने से सेना की ताकत भी काफी बढ़ने वाली थी. समय की भी काफी ज्यादा बचत होने वाली थी. इस सुरंग के बन जाने से ऊपर में लगने वाला 3 से 4 घंटे का समय काम हो गया है. पहाड़ों में 40 किलोमीटर का अर्थ काफी ज्यादा दूरी होती है. क्योंकि पहाड़ पर होने वाला सफर साधारण सफर से काफी मुश्किल होता है.
रात के समय सर्दियों में सफर करना है लगभग नामुमकिन ही था. और पहाड़ी रास्ते सुरक्षा के हिसाब से ठीक नहीं थे . जिसके कारण भारतीय सेना को काफी सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.
अटल टनल बनाने में कितना खर्चा आया है ?
शुरुआत में अटल टनल की लागत करीब 16 करोड़ थी. लेकिन इस चैनल को बनाते बनाते 10 साल का समय बीत गया. जिसमें काफी सारी सरकारें आई और गई. इसी कारण से जानवर की लागत 35 करोड़ तक जा पहुंची है.यहां पहले के निर्धारित बजट से 2 गुना ज्यादा है. यह लागत बढ़ने का मुख्य कारण है, टनल का काम काफी मुश्किल और बढ़ा था. इसी दौरान जो टनल बनाने की लागत 16 करोड रखी गई थी वह पुराना समय था और आज के समय में इसे बनाने के लिए ज्यादा लागत की जरूरत थी .आपको तो पता ही है कि समय के बढ़ने पर चीजों की कीमतें और बहुत कुछ महंगा होता रहता है.
आपके मन में यह भी सवाल आ रहा होगा कि, इस टनल की लागत इतनी ज्यादा क्यों है. तो इसका जवाब आपको इसी बात से ही पता चल जाएगा कि यह टनल बनाने में काफी मुश्किल थी. जो कि पहाड़ी को अंदर से काटकर बनाई गई है. और अगर आप सुरक्षा या अन्य सुविधाओं की बात करें तो यह टनल पूरी तरह से सुरक्षा से परिपूर्ण है. अटल टनल में काफी सारी तकनीकी चीजें भी मौजूद है.
अटल टनल की क्या है खासियत ?
दोस्तों आपने यह तो जान लिया की अटल टनल क्या है ? अब अटल टनल की कुछ खासियत भी जानते है. अटल टनल में वह सारी खूबियां मौजूद हैं जो अब और आने वाले समय में काफी उपयोग साबित होने वाली है. जिसमें हर आधे किलोमीटर पर जहां इमरजेंसी टनल बनाई गई है. वहां पर सुरक्षा के लिहाज से दोनों और कंट्रोल रूम भी बनाए गए हैं. इसके अलावा हर 150 मीटर पर 4G उनकी सुविधा है. 68 मीटर पर सीसीटीवी कैमरे भी मौजूद है.टनल की सबसे खास बात यहां है कि इससे मनाली और लेह के बीच में 46 किलोमीटर अंतर कम हो जाएगा.यह 4 घंटों का समय बचाती है जो कि इससे पहले के सफर में लगते थे.
यह टनल बर्फीले इलाके में बनी है इसीलिए उसे कुछ खास तकनीक से बनाया गया है, जिससे कि सर्दियों के मौसम में बर्फ में भी सफर किया जा सकता है. इससे पहले सर्दी के मौसम में बर्फ गिरने के कारण सेना को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. अटल टनल के बन जाने से भारतीय सैनिक आसानी से भारत चीन की सीमा पर पहुंच सकते हैं. टनल के अंदर रात में या दिन में सफर करने के लिए लाइट की खास सुविधा रखी हुई है. उसके अलावा फायर हाइड्रेंट सिस्टम भी लगाई गई है.
टनल के अंदर रात में या दिन में सफर करने के लिए लाइट की खास सुविधा रखी हुई है. उसके अलावा फायर हाइड्रेंट सिस्टम भी लगाई गई है. सुरंग की यह भी एक खास बातें की, जिसमें हर 1 किलोमीटर पर वायु की गुणवत्ता जांचने के लिए खास तरह की मशीन लगाए गए हैं.
अटल टनल बनाने में कौन सी दिक्कतें आई थी ?
जैसे कि आप जानते हैं कि अटल टनल को हिमाचल प्रदेश में बनाया गया है. जहां पर हमेशा बर्फ गिरती रहती है. अटल टनल बनाते समय भी काफी सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. जैसे कि सर्दी के मौसम में बर्फ गिरने से समस्याएं आती थी. अटल टनल पहाड़ को काटकर बनाई गई है, इसीलिए इसमें लाखों चट्टानों को काटना था. यह काम आसान नहीं होता इसमें कई सारे दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. कई जगह पर पानी से भी दिक्कतें आ जाती थी. लेकिन एक कुशल इंजीनियरिंग के माध्यम से अटल टनल लगभग 10 साल के परिश्रम के बाद तैयार हो गए हैं
अंतिम शब्द
दोस्तों मैं आशा करता हूं कि यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा. और आपने अटल टनल के बारे में काफी सारी जानकारी प्राप्त की होगी जो कि इंटरनेट पर इतनी ज्यादा मात्रा में कहीं भी उपलब्ध नहीं है. जिसमें हमने देखा कि अटल टनल क्या है? और अटल टनल बनाने में कितनी दिक्कतें आई? अटल टनल का उद्घाटन किसने किया? अटल टनल बनाने की योजना कब से की गई थी?. ऐसा बहुत कुछ हमने इस आर्टिकल में देखा. अगर आप ऐसे ही नए नए विषय पढ़ने में रुचि रखते हैं तो अभी हमारी वेबसाइट का नोटिफिकेशन ऑन करें. जिससे कि आपको आने वाली सारी नई जानकारियां नोटिफिकेशन के साथ प्राप्त हो. अगर आपके मन में इस आर्टिकल के बारे में कुछ प्रश्न हो तो आप कमेंट करके पूछ सकते हो. या आपको कुछ ज्यादा जानकारी हो तो यह भी आप कमेंट के माध्यम से दे सकते हो.
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