बल्ब का अविष्कार किसने किया? ‘बल्ब’ एक ऐसी चीज है जिसके बिना आज के जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है अगर बल्ब का अविष्कार ना होता तो शायद हम आज भी अँधेरे में अपना जीवन जी रहे होते लेकिन बल्ब के अविष्कार ने हमारा जीवन उजाले से भर दिया है, मानवी इतिहास में बल्ब का अविष्कार यह एक काफी महत्वपूर्ण खोज है लेकिन क्या आप जानते है बल्ब का अविष्कार किसने किया था? इस बात पर विज्ञान के क्षेत्र में हमेशा से विवाद रहा है की आखिर सबसे पहले बल्ब की खोज किसने की थी ?
बल्ब के अविष्कार के पीछे हम अक्सर सिर्फ थॉमस ऐल्वा एडीसन का नाम सुनते है लेकिन ऐसा नहीं है बल्ब के इतिहास की अगर हम बात करे तो थॉमस एडीसन के आलावा भी अनेक वैज्ञानिकों को इसका श्रेय जाता है आज के इस आर्टिकल में हम बल्ब के अविष्कार के पीछे की ऐसी ही कुछ बाते जानेंगे जिन्हे आप शायद नहीं जानते होंगे तो चलिए शुरू करते है .
बल्ब (Bulb) क्या होता है ?
बल्ब एक इलेक्ट्रिक उपकरण है जिसका कार्य रौशनी प्रदान करना होता है , बल्ब में फिलामेंट नाम की एक चीज का उपयोग किया जाता है और जब बल्ब को विद्युत (Electricity) से जोड़ा जाता है तब फिलामेंट से Current प्रवाहित होने लगता है , जब फिलामेंट से करंट प्रवाहित होता है तब वह गर्म हो जाता है और उससे रौशनी निकलती है .

इलेक्ट्रिक बल्ब एक इलेक्ट्रिक लैंप को संदर्भित करता है जिसमें पारभासी या पारदर्शी ग्लास का इस्तेमाल किया गया होता है इसे प्रकाश बल्ब के रूप में भी जाना जाता है. इस सरल उपकरण का उपयोग एक सदी से अधिक समय से रोशनी के उद्देश्य के लिए किया जा रहा है ,आज के आधुनिक युग में भी इलेक्ट्रिक बल्ब का उपयोग किया जाता है लेकिन पुराने इलेक्ट्रिक बल्ब की तुलना में आज के इलेक्ट्रिक बल्ब में काफी बदलाव देखने को मिलता है .
बल्ब का अविष्कार किसने किया ?
बल्ब जिसे इलेक्ट्रिक लाइट भी बोलते है इसकी खोज के काफी महत्वपूर्ण रही है पुराने समय में रौशनी के लिए पारम्परिक लैम्प्स का उपयोग किया जाता था जो की अग्नि (fire) पर चलते थे लेकिन थॉमस एडिसन और कई वैज्ञानिक सालों से एक ऐसे रौशनी के साधन की तलाश में थे जो पारम्परिक लैम्प्स से अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक हो . आखिर वैज्ञानिकों को ऐसी तकनीक मिल ही गयी जिससे इलेक्ट्रिक बल्ब बनाने में वे सफल रहे .
बल्ब का आविष्कार सन 1879 में थॉमस ऐल्वा एडीसन ने किया था . सबसे पहले बल्ब का अविष्कार किसने किया यह पता लगाना मुश्किल है क्योंकि बल्ब का आविष्कार थॉमस ऐल्वा एडीसन ने किया था थॉमस एडिसन से पहले से वैज्ञानिक बल्ब की खोज में थे लेकिन थॉमस एडिसन ने बल्ब को काफी सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया था और बल्ब का अविष्कार थॉमस एडिसन के नाम पर ही पेटेंट हुआ .

थॉमस एडिसन उस सदी के जाने माने वैज्ञानिक थे जिन्होंने पूर्व सभी वैज्ञानिकों द्वारा किये गए बल्ब के संशोधन कामों के आधार पर सबसे सफल इलेक्ट्रिक बल्ब बनाया और उसे अपने नाम पर पेटेंट करवाया जिस कारण से थॉमस एडिसन को इलेक्ट्रिक बल्ब का जनक भी कहा जाता है .
बल्ब का आविष्कार कब हुआ?
बल्ब का अविष्कार थॉमस एडिसन ने सन 1879 में किया था . 1879 में ही पहले सफल विद्दुत बल्ब का अविष्कार हुआ था और इस बल्ब को Incandescent light bulb भी कहा जाता है .
सबसे पहले बल्ब की खोज किसने की थी?
बल्ब के अविष्कार में बेशक कई वैज्ञानिकों का कंट्रीब्यूशन है लेकिन 1802 में, हम्फ्री डेवी (Humphry Davy) ने सबसे पहली इलेक्ट्रिक लाइट का आविष्कार किया . हम्फ्री डेवी ने उस समय बिजली के साथ एक प्रयोग किया था जिसमे उन्होंने तारों को बैटरी और कार्बन के टुकड़े से जोड़ा जिससे कार्बन चमकता था और उससे प्रकाश उत्पन्न होता था उनके आविष्कार को इलेक्ट्रिक आर्क लैंप के रूप में जाना जाता था .
बल्ब का वास्तविक आविष्कारक कौन है?
हम्फ्री डेवी को बल्ब का वास्तविक आविष्कारक भी कहा जाता है क्योंकि बिजली से रौशनी पैदा करने का सबसे पहले विचार 1802 में, हम्फ्री डेवी (Humphry Davy) को ही आया था जिन्होंने अपने प्रयोग से यह सिद्ध कर दिया था की यदि तारों से विद्युत् को प्रवाहित किया जाये तो तारें गर्म होती है और उसमे से रौशनी निकलने लगती है यह खोज थॉमस एडिसन से पहले ही Humphry Davy ने की गयी थी .
बल्ब का अविष्कार कैसे हुआ था (बल्ब का इतिहास)
बल्ब का इतिहास हमेशा से ही काफी मुश्किल भरा रहा है क्योंकि थॉमस एडिसन से पहले ही 20 इन्वेंटर्स ने विद्युत् बल्ब का डिज़ाइन बना लिया था ऐसा इतिहासकारों का मानना है लेकिन थॉमस एडिसन ने इन सभी इन्वेंटर्स के डिज़ाइन के आधार पर सबसे अच्छा और सुरक्षित विद्युत् बल्ब बनाकर अपने नाम पर पेटेंट कराया था इसलिए थॉमस एडिसन को ही आज सब लोग विद्युत् बल्ब का अविष्कारक मानते है लेकिन बल्ब का इतिहास जान लेने ले बाद आप ही तय कर सकते है की बल्ब का असली अविष्कारक कौन है !
वोल्टाइक पाइल का अविष्कार
बल्ब के इतिहास की शुरुआत होती है वोल्टाइक पाइल से जिसका अविष्कार इटली के एक अविष्कारक आलसांद्रो वोल्टा (Alessandro Volta) ने किया था , इन्होने ही सबसे पहली रासायनिक बैटरी बनायीं थी और आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की आज हम जो ‘वोल्ट’ (Volt) शब्द इस्तेमाल करते है वह Alessandro Volta के नाम से ही बना हुआ एक शब्द है . Alessandro Volta ने अपने इस प्रयोग में कॉपर, जिंक, कार्डबोर्ड और सॉल्टवॉटर का इस्तेमाल किया गया था और जब कॉपर की तर के साथ उसके दोनों किनारे अटैच किये जाते थे तब उससे बिजली पैदा होती थी .
हम्फ्री डेवी के इलेक्ट्रिक लाइट का आविष्कार
हम्फ्री डेवी जिन्हे इलेक्ट्रिक बल्ब का वास्तविक आविष्कारक माना जाता है .1802 में, हम्फ्री डेवी (Humphry Davy) ने सबसे पहली इलेक्ट्रिक लाइट का आविष्कार किया , हम्फ्री डेवी ने तारों को बैटरी और कार्बन के टुकड़े से जोड़ा जिससे कार्बन चमकता था और उससे प्रकाश उत्पन्न होता था यह दिप प्रकाश तो देता था लेकिन यह इस्तेमाल करने में काफी मुश्किल था और उसे जलना भी काफी मुश्किल था .
असल बल्ब की खोज ओर
वोल्टाइक पाइल और हम्फ्री डेवी के अविष्कारों के बाद वैज्ञानिकों को एक बात पता चल चुकी थी की अगर कार्बन जैसी कुछ चीजों को अगर विद्युत् से जोड़ा जाये तो उसमे से बिजली प्रवाहित होती है और जब वह चीज गर्म होती है तब वो चमकने लगती है बस इसी कांसेप्ट के ऊपर वैज्ञानिकों के आगे काम करना शुरू किया .
लेकिन उस समय विद्युत् प्रवाहित करने के लिए जिस चीज का इस्तेमाल किया गया वह इतनी गर्म हो जाती थी की वह थोड़े समय के बाद जलने और पिघलने लगती थी असल में वैज्ञानिक उस समय फिलामेंट उपयोग बल्ब में करते थे जो काफी जल्द गर्म हो जाता था और पिघलने लगता था .
कुछ वर्षों तक वैज्ञानिकों ने फिलामेंट पर ही काम किया और उसकी गुणवत्ता बढ़ाने का प्रयास किया लेकिन यह कुछ खास नहीं कर पाया आखिर में 1835 में जेम्स बोमैन लिंडसे नाम के एक वैज्ञानिक बताया की अगर अगर बल्ब में कॉपर का फिलामेंट इस्तेमाल किया जाये तो वह ज्यादा समय तक रौशनी देगा इसलिए कुछ वर्षों तक बल्ब में कॉपर फिलामेंट का इस्तेमाल किया गया जो की पहले के बल्ब के मुकाबले ज्यादा समय तक रौशनी देने में कामयाब रहा .
प्लैटिनम फिलामेंट की खोज
जेम्स बोमैन लिंडसे के कॉपर फिलामेंट में भी समस्याएं थी कॉपर फिलामेंट का बल्ब भी थोड़ी देर बाद रौशनी देने के बाद गर्म होने लगता था और वह पिघलने लगता था लेकिन 1840 में वॉरन डे लारू नामक वैज्ञानिक ने बताया की अगर कॉपर की जगह प्लैटिनम का इस्तेमाल किया जाये तो ज्यादा सुविधाजनक होगा और बल्ब ज्यादा समय तक रौशनी देगा .
एडीसन द्वारा बल्ब का अविष्कार
जैसा की आपने देखा की बल्ब में अलग अलग प्रकार के फिलामेंट का इस्तेमाल किया गया और आखिर में प्लैटिनम फिलामेंट को सबसे अच्छा फिलामेंट माना गया लेकिन प्लैटिनम का फिलामेंट एक काफी महंगी चीज होने के कारण बल्ब में यह फिलामेंट यूज़ करना संभव नहीं था इसलिए प्लैटिनम फिलामेंट का आईडिया अच्छा होने के बाद भी यह एक फ्लॉप आईडिया था .
अब तक कई वैज्ञानिकों द्वारा बल्ब के अलग अलग मॉडल्स बनाये गए थे लेकिन कोई भी मॉडल ठीक से काम नहीं कर रहा था और इन्ही सभी मॉडल्स के आधार पर सन 1879 में थॉमस ऐल्वा एडीसन ने बल्ब का एक ऐसा मॉडल बना लिया जिसने पुरे बल्ब के इतिहास को ही बदल कर रख दिया .
एडिसन ने प्लैटिनम फिलामेंट की समस्या को भी हल कर लिया और ऐसा बल्ब का मॉडल बनाया जो कम खर्चे में था और पहले के सभी बल्ब के मॉडल्स से अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित था , एडिसन के इस अविष्कार को उनके नाम पर पेटेंट भी मिला इसीलिए थॉमस ऐल्वा एडीसन को ही बल्ब का अविष्कारक कहा जाता है .
बल्ब का अविष्कार FAQ’s
बल्ब का आविष्कार सन 1879 में थॉमस ऐल्वा एडीसन ने किया था .
सन 1879 में थॉमस एडिसन द्वारा बल्ब का अविष्कार हुआ .
1802 में, हम्फ्री डेवी (Humphry Davy) ने सबसे पहले बल्ब का आविष्कार किया था .
हम्फ्री डेवी को बल्ब का वास्तविक आविष्कारक माना जाता है .
1835 में जेम्स बोमैन लिंडसे ने कॉपर फिलामेंट की खोज की .
1840 में वॉरन डे लारू ने प्लैटिनम फिलामेंट की खोज की .
अंतिम शब्द
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने देखा की बल्ब का अविष्कार किसने किया ,सबसे पहले बल्ब की खोज किसने की थी और बल्ब के अविष्कार का इतिहास अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे और अगर आपके मन में बल्ब के अविष्कार सम्बंधित कोई भी सवाल है तो आप कमेंट करके हमसे पूछ सकते है .