चार लट्ठ के चौधरी, पांच लट्ठ के पंच | Char Latth Ke Chaudhari, Panch Latth Ke Panch Story In Hindi

Char Latth Ke Chaudhari, Panch Latth Ke Panch Story In Hindi- एक दिन गांव में फौजदारी हो गई। जो कमजोर थे, वे बेचारे पिटे और गालियां खाई। मामला गांव के >मुखिया के पास गया, तो उन्होंने एक दिन पंचायत बुलाई और उसमें दोनों तरफ के लोगों को बुलाया। पंचायत में गांव के लगभग सभी लोग मौजूद थे। जब एक-एक करके दोनों ओर की बातों को सुना गया, तो उससे यह साफ मालूम पड़ रहा था कि गरीब परिवार के लोगों को बेमतलब पीटा गया है और गालियां दी गई हैं।

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Char Latth Ke Chaudhari, Panch Latth Ke Panch Story In Hindi

जब पंचों ने ताकतवर परिवार के लोगों से पूछा, “बोलो, आप लोग क्या कहते हो इस पर उन लोगों ने कहा, “इसमें हम क्या कहते हैं? अदब नहीं करेगा, तो पिटेगा ही।” जब उस गरीब परिवार के लोगों से पूछा, तो उन्होंने कहा, “ऐसे तो कोई गरीब जिंदा ही नहीं रह सकता।

आप पंच लोग जैसा कहेंगे हम करने को तैयार हैं।” पंच लोगों ने बैठकर आपस में तय किया कि जिसने गलती की हो, उसे चेतावनी देना जरूरी है कि आइंदा इस तरह की गलती न करे। बाकी की गई गलती के लिए वह माफी मांगे। अंत में जब पंचों ने फैसला सुनाया, तो गलती करने वालों ने बिल्कुल उलटा किया। माफी मांगने की जगह उन्होंने कहा कि हम कुछ नहीं करेंगे। इतना कहकर वे सब उठकर चले गए और कहा, “जो कुछ हमारा करना चाहो, कर लो।

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“पंच तथा मुखिया आदि लोग चिंतित हुए और गाँव के गरीब लोग भी सकते में आ गए। सब एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे। पंचायत में एक अस्सी साल के बुजुर्ग बैठे हुए थे। उसने अनुभव किया कि पंच भी उस परिवार के व्यक्तियों से कम ताकतवर हैं। इसीलिए चौधरी भी चुपचाप बैठे हुए हैं।

न्याय दिलाने के लिए कोई भी व्यक्ति या सामूहिक तौर पर लोग उस ताकतवर परिवार से लड़ाई मोल नहीं लेना चाह रहा था। गांव में एक व्यक्ति को एक लाठी के बराबर गिना जाता है। सब स्थितियों को देखते हुए उस बुजुर्ग ने कहा चार लट्ठ के चौधरी, पांच लट्ठ के पंच । जाके घर में छह लठा, ताके अंच न पंच ॥

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