चोर की दाढ़ी में तिनका | Chor Ki Dadhi Me Tinka Story In Hindi

Chor Ki Dadhi Me Tinka Story In Hindi- एक काजी का फैसला सुनाने के मामले में दूर-दूर तक नाम था। यह कोशिश यही करता था कि किसी बेगुनाह को सजा न हो। कोई-कोई मुकदमा ऐसा आता था, जिसमें वह अपनी बुद्धि का बहुत अच्छा परिचय देता था।

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Chor Ki Dadhi Me Tinka Story In Hindi

इसी प्रकार का एक मुकदमा उसके यहां आया। चोरी के शक में चार आदमियों को इजलास में हाजिर किया गया था। गवाहों के बयान सुनने के बाद और सबूतों को देखने-समझने के बाद असली चोर का निर्णय नहीं कर पा रहा था। फिर भी वह असली चोर को जानने के लिए लगातार सोचे जा रहा था। चोर की कमजोरियों और आदतों के बारे में सोचने लगा।

वह जानता था कि चोर डरपोक होता है और उसे हमेशा इस बात का डर बना रहता है कि उसको पहचान न लिया जाए। काजी ने ये सारी बातें सोचकर शक में लाए गए मुजरिमों को गौर से देखा। एक-एक चेहरे पर नजर गड़ाकर देखते रहे। अचानक एक उपाय उनके दिमाग में काँध गया। काजी ने देखा कि सब ही मुजरिमों की दाढ़ियां हैं। उसने एक तीर में तुक्का छोड़ा। मुजरिमों की ओर इशारा करते हुए काजी बोला, “चोर की दाढ़ी में तिनको।

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“सबकी निगाहें उनकी दाड़ियों पर जा पहुंची। दरोगा की निगाहें भी उधर ही थीं। असली चोर ने सोचा कि कहीं मेरी दाढ़ी में तो तिनका नहीं है। यही सोचकर उसने दाढ़ी पर हाथ फेरा। दाढ़ी पर हाथ फेरते ही काजी ने कहा, “चोर यही है। इसे गिरफ्त में ले लो और बाकी सबको बाइज्जत छोड़ा जाता है।

“दरोगा उसे ले जाते हुए रास्ते में सोचता रहा कि किस तरह अंधेरे में तीर मारा और सीधा निशाने पर लगा चोर की दाढ़ी में तिनका’।

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