फ्री स्पेस क्वांटम कम्युनिकेशन क्या है – ISRO का नया अविष्कार,अब नहीं हो सकेगी हैकिंग

क्या आप जानना चाहते है फ्री स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन (Free Space Quantum Communication) क्या है तो इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें !

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भारत की स्पेस एजेंसी ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) हमेशा से ही पूरी दुनिया से कुछ हटके और अलग प्रयोग करने के लिए मशहूर है , हाल ही में ISRO के मंगल मिशन ने सब का ध्यान अपनी ओर खिंच लिया था इसके बारे में हम सब जानते ही है . ISRO के द्वारा एक और एक नया प्रयोग सामने आया है जिसका नाम है फ्री-स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन (Free Space Quantum Communication) . इस्रो ने यह एक ऐसा सफल प्रयोग किया है जिसमे प्रकाश कण फोटोंस (Photons) के जरिए संदेश को एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा सकता है .

ISRO ने अपने NAVIC नामक रिसीवर को अपग्रेड करके इस लायक बनाया है की वह क्वांटम कम्युनिकेशन को प्रदर्शित कर सके . आपको बता दूँ , NAVIC भारत का एक स्वदेशी नेविगेशन सॅटॅलाइट सिस्टम है जिसे ISRO द्वारा विकसित किया गया है .

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इस फ्री-स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन का सफल परिक्षण ISRO ने कर लिया है जिसमे प्रकाश कणों के जरिये मैसेज भेजा जा सकता है और यह तकनीक इतनी सुरक्षित है की इसे हैक करना असंभव है . इस तकनीक में ऐसी क्या खास बात है जिस कारण फ्री-स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन के सफल परिक्षण के बाद फिर से पूरी दुनिया की नजरे फिर एक बार भारत की ओर है और Free Space Quantum Communication का भविष्य कैसा रहेगा ? आज आपको इन सभी सवालों के जवाब मिलने वाले है .

फ्री स्पेस क्वांटम कम्युनिकेशन तकनीक क्या है ?

फ्री-स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन (Free Space Quantum Communication) एक ऐसी तकनीक है जिसमे किसी संदेश या मीडिया फाइल (इमेज , वीडियो आदि .) को प्रकाश कण में यानि फोटोंस (Photons) में डाला जाता है और किसी विशेष प्रकार के ट्रांसमीटर से इसे एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता है जिसे सिर्फ एक खास तरीके का रिसीवर ही प्राप्त कर सकता है .

क्वांटम कम्युनिकेशन इस तकनीक को क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (Quantum Key Distribution) या क्वांटम क्रिप्टोग्राफी (Quantum Cryptography) भी कहा जाता है और यह तकनीक इतनी सुरक्षित है की इसे हैक करना असंभव होता है क्योंकि क्वांटम क्रिप्टोग्राफी भविष्य की टेक्नोलॉजी है .

हम जो भी सन्देश या डाटा एक जगह से दूसरी जगह भेज रहे होते है उसे प्रकाश कणों में यानि फोटोंस (Photons) में कन्वर्ट करना Quantum Cryptography का काम यह होता है , और डाटा को फोटोंस बदलने के कारण उसे हैक करना नामुनकिन होता है और यह तकनीक आज के सामान्य इंटरनेट के एनक्रिप्टेड तकनीक से कई गुना सुरक्षित है .

फ्री स्पेस क्वांटम कम्युनिकेशन तकनीक की विशेषताएं

  • प्रकाश कणों फोटोंस (Photons) के माध्यम से डाटा को ट्रांसफर किया जाता है
  • फ्री स्पेस क्वांटम कम्युनिकेशन तकनीक में क्वांटम क्रिप्टोग्राफी (Quantum Cryptography) का इस्तेमाल किया जाता है
  • सामान्य इंटरनेट के एनक्रिप्टेड तकनीक के मुकाबले क्वांटम कम्युनिकेशन तकनीक लाखो गुना सुरक्षित है
  • क्वांटम कम्युनिकेशन तकनीक से कोई भी डाटा को हैक नहीं कर सकता है
  • यह भविष्य की सबसे सुरक्षित कम्युनिकेशन तकनीक है क्योंकि इसे हैक करना असंभव है
  • यह एक अल्ट्रा-हाई सिक्योरिटी तकनीक है जिससे इसका डुप्लीकेट अथवा इसमें दी गई सूचनाओं को कोई भी अलग नहीं कर सकता
  • अगर कोई डाटा के साथ छेड़छाड़ करता है तो यह इनक्रिप्शन बदल देता है

क्या यह ISRO की ऐतिहासिक सफलता है ?

जी हाँ बिलकुल फ्री स्पेस क्वांटम कम्युनिकेशन तकनीक ISRO के लिए एक काफी बड़ी सफलता हो क्योंकि यह एक नया अविष्कार है हालाँकि क्वांटम कम्युनिकेशन और क्वांटम क्रिप्टोग्राफी पर पूरी दुनिया में रिसर्च चल रही है लेकिन ISRO ने फ्री स्पेस क्वांटम कम्युनिकेशन में जो सफल परिक्षण किया है वो दुनिया में पहली बार सिर्फ ISRO ने कर के दिखाया है ISRO ने 300 मीटर की दूरी तक क्वांटम कम्युनिकेशन में जो सफल परिक्षण किया है और यह परिक्षण बिलकुल सफल रहा है इसलिए इसे ISRO की एक ऐतिहासिक सफलता के रूप में भी देखा जा रहा है .

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इस तकनीक से डाटा कम्युनिकेशन कितना सुरक्षित रहेगा ?

फ्री-स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन तकनीक पूरी तरीके से सुरक्षित रहेगी क्योंकि वैज्ञानिकों का दवा है की इसे हैक करना संभव नहीं है क्योंकि क्वांटम कम्यूनिकेशन तकनीक में प्रकाश कणों फोटोंस (Photons) के माध्यम से डाटा को ट्रांसफर किया जाता है मतलब आप जो भी डाटा क्वांटम कम्यूनिकेशन तकनीक से भेजते है उसे क्वांटम क्रिप्टोग्राफ़ी की सहायता से प्रकाश कणों / फोटोंस (Photons) में बदल दिया जाता है जिसे हैक कर पाना संभव नहीं है .

क्वांटम कम्युनिकेशन से डाटा को हैक करना असंभव क्यों है ?

फ्री स्पेस क्वांटम कम्युनिकाशन तकनीक में क्वांटम क्रिप्टोग्राफी (Quantum Cryptography) का इस्तेमाल किया जाता है जो की डाटा कम्युनिकेशन को सुरक्षित रखने की भविष्य सबसे अच्छी तकनीक है और फ्री स्पेस क्वांटम कम्युनिकेशन तकनीक डाटा को प्रकाश कणों फोटोन्स (Photons) के माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता है और इस तकनीक में सन्देश भेजने वाला सन्देश प्राप्त करने वाले को एक Key देता है और अगर Key बदला तो प्रकाश कणों फोटोन्स (Photons) में से डाटा आटोमेटिक नष्ट हो जाएगा। डाटा भेजने वाले और रिसीव करने वाले के बिच में अगर कोई डाटा चुराने की कोशिश करता है तो सेन्डर और रिसीवर दोनों को के पास सन्देश चला जाएगा की इस डाटा को हैक करने की कोशिश की गयी है मतलब फ्री स्पेस क्वांटम कम्युनिकाशन तकनीक से डाटा हैक करना नामुनकिन है इसलिए वैज्ञानिक इस तकनीक को अनहैकेबल यानि कभी भी हैक न होने वाली तकनीक भी बोल रहे है

क्वांटम कम्युनिकेशन तकनीक का भविष्य कैसा रहेगा ?

ISRO ने फ्री-स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन तकनीक के बारे में बताते हुए कहा है की क्वांटम क्रिप्टोग्राफी भविष्य की तकनीक है और इसे ‘फ्यूचर प्रूफ’ भी कहा जाता है जिसका मतलब होता है ‘भविष्य की सुरक्षा देने वाला’ , क्वांटम क्रिप्टोसिस्टम यह एक ऐसी तकनीक है जिसे भविष्य में कंप्यूटर के क्षेत्र की व्यवस्था तोड़ने में सक्षम नहीं हो पाएगी जैसा की हम जानते है आजके समय में डाटा को सुरक्षित रखना कितना मुश्किल काम है जबकि हमारे पास आधुनिक तकनीके उपलब्ध है फिर भी किसी न किसी प्रकार से अटैकर्स डाटा चुरा ही लेते है लेकिन क्वांटम क्रिप्टोग्राफी से डाटा चुराना और हैक करना नामुनकिन है इसलिए अगर यह तकनीक आती है तो इसका भविष्य काफी ज्यादा अच्छा रहेगा और पूरी दुनिया इस तकनीक को अपनाएगी और फ्री-स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन तकनीक से डिजिटल डाटा को सुरक्षित रखने में काफी बड़ा योगदान रहेगा .

फ्री-स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन FAQ’s

फ्री स्पेस क्वांटम कम्युनिकेशन क्या है ?

फ्री-स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन (Free Space Quantum Communication) एक ऐसी तकनीक है जिसमे डाटा को क्वांटम क्रिप्टोग्राफी की सहायता से प्रकाश कणों में यानि फोटोंस (Photons) में डाला जाता है और प्रकाश कणों के जरिए संदेशों को बेहद सुरक्षित ढंग से एक जगह से दूसरी भेजा जाता है .

फ्री-स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन तकनीक कैसे काम करती है ?

इस तकनीक में डाटा को प्रकाश कणों (Photons) में कन्वर्ट किया जाता है और एक विशेष प्रकार के ट्रांसमीटर से डाटा को भेजा जाता है और दूसरी तरफ एक विशेष रिसीवर से डाटा को रिसीव किया जाता है .

क्या फ्री-स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन तकनीक सुरक्षित है ?

फ्री-स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन तकनीक में डाटा को हैक करना नामुनकिन होता है इसलिए यह तकनीक काफी सुरक्षित है .

क्वांटम कम्युनिकेशन तकनीक का भविष्य क्या है ?

इसका भविष्य काफी ज्यादा अच्छा रहेगा और पूरी दुनिया इस तकनीक को अपनाएगी क्योंकि फ्री-स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन तकनीक से डाटा हैक नहीं किया जा सकता .

अंतिम शब्द

दोस्तों आजके इस आर्टिकल में हमने देखा फ्री-स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन (Free Space Quantum Communication) क्या है अगर आपको फ्री स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन के बारे में यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे और फ्री स्पेस क्वांटम कम्यूनिकेशन के बारे में अगर आपके मन में कोई भी सवाल है तो उसे कमेंट करके आप पूछ सकते है .

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