HomeTECHNOLOGYहाइपरलूप मीनिंग इन हिंदी - क्या है हाइपर लूप ?

हाइपरलूप मीनिंग इन हिंदी – क्या है हाइपर लूप ?

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में देखेंगे हाइपरलूप मीनिंग इन हिंदी . आखिर यह हाइपरलूप टेक्नोलॉजी है क्या . अगर आप भी इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे है तो आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़े . दोस्तों आज के इस सुपर फ़ास्ट लाइफ में टाइम की कीमत काफी ज्यादा बढ़ गयी है . और टाइम को ट्रैफिक जैम जैसे समस्या से बचाने के लिए नए नए साधनो की खोज की जा रही है . तभी तो हम बैल गाड़ी से बुलेट ट्रेन तक का सफर तय कर पाए है !

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और इससे भी आगे निकल जाने वाले टेक्नोलॉजी का नाम है हाइपरलूप . यह हाइपरलूप टेक्नोलॉजी बहुत ही नयी और रोमांचक है . इसके बारे में जानने के बाद आप सोचने लगेंगे की वाकई में आप बहुत ही जल्द एक हाइपरलूप ट्रेन में बैठ पाएंगे . जो की बुलेट ट्रेन के स्पीड को भी मात दे देगा . तो चलिए जानते है हाइपरलूप मीनिंग इन हिंदी और आखिर यह हाइपरलूप टेक्नोलॉजी है क्या !

हाइपरलूप क्या है – What is Hyper Loop ?

हाइपरलूप एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जो की रेगुलर वीकल्स में आने वाली दो ऐसी मेजर प्रोब्लेम्स को दूर करती है जिनसे वीकल्स की स्पीड बहुत कम हो जाती है . और यह प्रॉब्लम है फ्रिक्शन्स और एयर रेजिस्टेंस. इस टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल करने से फ्रिक्शन्स और एयर रेजिस्टेंस की प्रॉब्लम दूर होने से सुपर फ़ास्ट स्पीड हासिल की जा सकती है . हाइपरलूप में एक लम्बी वैक्यूम ट्यूब होती है . और कैप्सूल जैसे कम्पार्टमेंट होते है !

जिन्हे पॉट कहा जाता है . यह पॉट वैक्यूम ट्यूब के अंदर हाइ स्पीड से चलते है . इन ट्यूब को लूप कहा जाता है . और क्योकि इस टेक्नोलॉजी में ट्रांसपोर्ट लूप में ही होता है . इसी लिए इस टेक्नोलॉजी को हायपरलूप नाम दिया गया है . जो की सफर के दौरान समय भी बचाता है और आपको ट्रैफिक जैसी समस्याओ का सामना भी नहीं करना पड़ता . इसी लिए इस टेक्नोलॉजी को सभी देशो के लोगो द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है . तो चलिए जानते है की हाइपरलूप टेक्नोलॉजी काम कैसे करती है !

हाइपरलूप टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है ?

आप एक जगह से दूसरी जगह सफर कर सके इसके लिए एक पॉइंट से लेकर दूसरे पॉइंट तक एक बहुत लम्बी ट्यूब इस्तेमाल की जाती है . इस ट्यूब में छोटे छोटे पॉट्स इंडिविजुअल ट्रैवल करते है . और इन पॉट्स में बैठ कर आप एक जगह से दूसरी जगह पहुंच पाते है . यह पॉट्स बिलकुल ट्रेन की तरह होते है हायपरलूप में दो तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है !

चुंबकीय उत्तोलन और एयर प्रेशर . इनकी मदत से पॉट और ट्यूब के बिच में फ्रिक्शन नहीं होता जिससे पॉट की स्पीड इतनी फ़ास्ट हो जाती है . की मैगनेट ट्रेन के स्पीड को भी बहुत पीछे छोड़ देती है . और आप यह सुनकर चौक जायेंगे की हाइपरलूप टेक्नोलॉजी में स्पीड ७६० mph याने की १२०० किलोमीटर प्रति घंटे की होती है . व्याक्युम ट्यूब में चलने वाले इस पॉट पर दो फोर्सेस लगते है !

मैग्नेटिक फ़ोर्सऔर एयर फ़ोर्स जो ना केवल पॉट को वैक्यूम ट्यूब में आगे बढ़ाते है बल्कि हवा में भी उठा देते है . हायपर लूप को आप इस तरीके से भी समज सकते है . जैसे की मैगनेट ट्रेन मैगनेट के सहारे अपने ट्रैक पर चलती है . जिससे ट्रेन और पटरी के बिच फिक्शन कम होता है . जिससे उसकी स्पीड काफी ज्यादा बढ़ जाती है . और हायपरलूप एक ऐसी एडवांस मैगनेट ट्रेन है जिसे व्याक्युम ट्यूब में चलाया जायेगा और जिसकी रफ़्तार हवाई जहाज से भी तेज होगी !

हायपरलूप की खोज किसने की ?

दोस्तों आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा की हमें इस टेक्नोलॉजी से किसने परिचित करवाया. आखिर कौन है वह व्यक्ति जिसके दिमाग यह कमाल का इनोवेटिव आयडिया आया . तो दोस्तों हाइपरलूप का यह आयडिया लगभग २०० साल पुराना है . क्योकि १७९९ में ब्रिटिश इन्वेंटर जॉर्ज मेढ़रस्ट ने ट्रंसपोर्टस्ट्रेशन सिस्टम के तौर पर एक एयर प्रोपरशन ट्यूब का पेटेंट करवाया था !

और उसके इतने साल बाद २०१३ में टेस्ला मोटर और स्पेस एक्स के सीईओ एलोन मस्क ने हाइपरलूप का डिजाइन पेश किया . उनके इस आयडिया और डिजाइन को पुरे विश्व में अच्छा प्रतिसाद मिला . एलोन मस्क का कहना है की हाइपरलूप पॉट्स, ट्रेन से ज्यादा फ़ास्ट होंगे . कार से ज्यादा सेफ होंगे . और एयर क्राफ्ट की तुलना में पर्यावरण को कम नुकसान पहुचायेंगे !

एलोन मस्क का यह आयडिया एक ओपन सोर्स टेक्नोलॉजी है . इसका मतलब यह हुवा की Hyperloop बनाने की तकनीक एलोन मस्क ने सबके साथ शेयर की है . ताकि हाइपरलूप बनाने का काम प्रोग्रेसिव रहे और जल्दी से जल्दी हाइपरलूप दुनिया के सामने आ सके . उसीका का नतीजा यह है की आज बहुत सारी कम्पनीज हाइपरलूप बनाने में जुट हाई है . तो बहुत ही जल्दी बहुत सारे हाइपरलूप हमारे सामने होंगे . तो चलिए अब जानते है की कब तक हायपरलूप हमारे सामने होंगे !

हाइपरलूप सर्विस कहाँ और कब शुरू होगी ?

दोस्तों ऐसी अनोखी और समय की बचत करने वाली टेक्नोलॉजी अगर आ रही हो तो सभी को इस चीज की उत्सुकता जरूर होगी . यह टेक्नोलॉजी कब आएगी तो दोस्तों हाइपरलूप टेक्नोलॉजी का बेसिक आयडिया भलेही काफी साल पहले सामने आ चूका था . लेकिन अभी इस टेक्नोलॉजी पर काम जारी है . और माना जा रहा है की २०२१ तक हाइपरलूप सबके सामने आ जायेगा !

अगर हालही में देखा जाये तो हाइपरलूप के कई सारे रुट डिसाइट हुए जैसे . की न्यूयॉर्क टू वाशिंगटन डीसी , पुने टू मुंबई , कांसस सिटी टू सॅंट लुइस , ब्राटिस लावा टू ब्रनो और विजयवाडा टू अमरावती . कुछ इस प्रकार के रूट्स पर हाइपरलूप का काम शुरू है . और आने वाले कुछ समय में हम सभी इस हाइपरलूप में बैठ कर सफर कर सकते है !

हाइपरलूप टेक्नोलॉजी के फायदे

1. हाइपरलूप टेक्नोलॉजी की मदत से हम घंटो का सफर मिनटों में तय कर सकते है यानि की इसकी मदत से समय की बचत होगी .

2. हाइपरलूप पॉट्स ( हाइपरलूप तकनीक द्वारा बनाई गयी ट्रेन ) बाकि ट्रेन की तरह बिच-बिच में नहीं रूकती यानि की आप जल्दी से डायरेक्ट लोकेशन पर पहुंच जाते हो जिससे की समय की बचत होती है .

3. इससे किसी भी प्रकार का पॉलुशन नहीं होगा जिससकी मदत से पर्यावरण की भी रक्षा होगी और हम आरामदाइ सफर भी कर पाएंगे .

4. हाइपरलूप ट्रेन के दाम भी बुलेट ट्रेन जैसे रखे जाने वाले है जिससे की हमें कम दाम ज्यादा सुविधा मिलने वाली है .

अंतिम शब्द

तो दोस्तों यह थी हाइपरलूप टेक्नोलॉजी और हाइपरलूप मीनिंग इन हिंदी . उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा . अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे . ताकि वह भी इस नयी टेक्नोलॉजी के बारे में जान सके . और वेबसाइट के नोटिफिकेशन बेल को ऑन कर दे ताकि आने वाले समय में आप कोई भी आर्टिकल मिस ना करे . क्योकि हम इसी तरह के टेक्नोलॉजी संबंधित आर्टिकल लाते रहते है . अगर आपको इस आर्टिकल से जुडी कोई भी समस्या हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है धन्यवाद !

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Raj d Patil
Raj d Patilhttps://techyatri.com/
Raj , टेक यात्री के सह-संस्थापक और Senior Editor हैं. इन्हे तकनिकी और गेमिंग के बारे में लिखना अच्छा लगता है. राज, टेक्नोलॉजी को आसान शब्दों में लोगों तक पहुँचाने में विश्वास रखते है इसलिए वो अपना अधिकतम समय हाई क्वालिटी टेक्नोलॉजी लेख लिखने में बिताते है.
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