आज हम फिरसे कंप्यूटर की एक नयी टर्म सिखने वाले है जिसका नाम है ट्रांसमिशन मीडिया। जिसमे हम देखने वाले है की ट्रांसमिशन मीडिया क्या होता है ? ट्रांसमिशन मीडिया के कितने प्रकार होते है ? और उन प्रकार में क्या-क्या अलगता है.
आपको तो पता ही है की इंटरनेट पर कम्युनिकेशन करने के लिए आपको किसी माध्यम की आवश्यकता होती ही है। तो ट्रांसमिशन मीडिया भी उन्ही माध्यमों को का ही भाग है। जो हम आगे अधिक विस्तार से जानेंगे।
लेकिन दोस्तों ट्रांसमिशन मीडिया को अधिक विस्तार से जानने से पहले हम यह जान लेते है की ट्रांसमिशन मीडिया क्या होता है और उसकी डेफिनिशन क्या होती है .
ट्रांसमिशन मीडिया क्या है ?
- जिस माध्यम से मैसेज को ट्रांसमिट किया जा एकता है उसे इंटरनेट की भाषा में मीडिया कहा जाता है। इसका सीधा अर्थ यह हुआ की कम्युनिकेशन के चैनल को ही मेडियम कहा जाता है।
- कम्युनिकेशन के लिए अनेक प्रकार के मीडिया उपलब्ध होते है जिन्हे अलग-अलग जगह पर उनके उपयोग, आवश्यकता, वातावरण के हिसाब से उपयोग में लाये जाते है।
- ट्रांसमिशन मीडिया का मुख्या काम यही होता है की आपके जो भी सन्देश है उन्हें एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक पहुँचाना। अगर आप कंप्यूटर को नेटवर्क में इस्तेमाल करते है तो आपको ट्रांसमिशन मीडिया लगने ही वाला है।
ट्रांसमिशन मीडिया वर्गीकरण
जैसे की निचे दिखाइए गया है वैसे ही आप ट्रांसमिशन मीडिया को दो प्रमुख वर्गों में वर्गीकृत कर सकते हो। जिसमे Guided Media और Unguided Media ऐसे दो प्रमुख प्रकार है।
1. Guided Media
गाइडेड मीडिया में जो भी डाटा या मैसेज ट्रांसफर किये जाते है वह सब फिजिकल माध्यम से किया जाता है। यहाँ पर आपको कंप्यूटर को कम्युनिकेशन करने के लिए वायर्ड मेडिअम से आपस में जोड़ना होता है।
गाइडेड मीडिया को वायर्ड कम्युनिकेशन मेडियम भी कहा जाता है क्योंकि इसमें Twisted pair cable, coaxial cable, optical fiber cable जैसे फिजिकल वायर्ड का इस्तेमाल किया जाता है।
2. Unguided Media
गाइडेड मीडिया में जो भी डाटा या मैसेज ट्रांसफर किये जाते है वह सब वायरलेस माध्यम से किया जाता है। यहाँ पर आपको कंप्यूटर को कम्युनिकेशन करने के लिए वायरलेस मेडिअम से आपस में जोड़ना होता है।
गाइडेड मीडिया को वायरलेस कम्युनिकेशन मेडियम भी कहा जाता है क्योंकि इसमें Radio, Infrared light जैसे वायरलेस मेडियम का उपयोग किया जाता है।
Guided Media के प्रकार
निचे दिए गए गाइडेड मीडिया के प्रमुख प्रकार है जो नेटवर्किंग में इस्तेमाल किये जाते है।
- Co-axial Cable
- Twisted Pair Cable
- Optical Fiber Cable
ऊपर दिए गए गाइडेड मीडिया के प्रकार को हम नेटवर्किंग करते समय निचे दिए गए कुछ प्रमुख चीजों को ध्यान में रखते हुए चुनते है।
नेटवर्किंग का मूल्य, कनेक्टिविटी, बैंडविड्थ, परफॉरमेंस, नैसर्गिक रचना इत्यादि…
1. Co-axial Cable
निचे दिए गए इमेज में आप को-एक्सियल केबल देख सकते हो ,जिसमे आपको दो कंडक्टर(विद्युत् वाहक) नजर आएंगे जिसमे से पहला है Inner Conductor और दूसरा है Braided Outer Conductor (Shield) जिन्हे Insulating Material से अलग किया गया है।
- यहाँ पर आप देख सकते है की जो एक्सटर्नल कंडक्टर है उसे मेटालिक ब्रैड के फॉर्म में लगाया गया हैजो की शील्ड का काम करता है।
- जो ब्रैंडेड कंडक्टर है वह इनर कंडक्टर को Electromagnetic Interference से बचाने का काम करता है।
- सबसे ऊपर वाला जो कवर है जिसे इमेज में प्रोटेक्टेड कवरिंग नाम दिया गया है वह इंसुलेशन और प्रोटेक्शन का काम करता है।
- हम लोग 10,000 से भी अधिक वौइस् चैनल्स को एक Co-axial केबल माध्यम से कैर्री कर सकते है।
- अगर आपको Co-axial को केबल अच्छे से समझना है तो आपने आपके ही घर में केबल या डिश के केबल देखे होंगे वह भी को-एक्सियल केबल्स ही होते है।
Co-axial Cable की विशेषताएँ
निचे दी गयी Co-axial Cable की कुछ प्रमुख विशेषताएं है जो आपको समझनी जरुरी है।
- Co-axial Cables 75 Ω और 50 Ω के साथ उपलब्ध है।
- Co-axial Cables में ब्रैडेड शील्ड होने के कारन उसनी नॉइस इम्युनिटी काफी ज्यादा अच्छी होती है।
- इसका और एक अच्छी बात यह है की Co-axial Cables की बैंडविड्थ आपको ज्यादा मिलयी है वह भी काम लॉसेस के साथ।
- Co-axial Cables काफी आसानी से इनस्टॉल(जोड़ना) किये जा सकते है यही कारन है की LAN नेटवर्क टाइप में को-एक्सियल केबल्स का उपयोग काफी ज्यादा किया जाता है।
Co-axial Cable Standard क्या है ?
निचे दिए गए टेबल के माध्यम से आप Co-axial Cable के स्टैण्डर्ड को आसानी से समाज सकते है।
Category | Impedance | Application |
RG-11 | 50 Ω | LAN |
RG 58 | 50 Ω | LAN |
RG 59 | 75 Ω | TV connection |
Co-axial Cable के उपयोग
निचे दिए गए कुछ प्रमुख Co-axial Cable के उपयोग है
- Tv Connection में उपयोग
- Analog Telephone Network में उपयोग
- Digital Telephone Network में उपयोग
- Digital Transmission में उपयोग
- Fast Ethernet में उपयोग
Co-axial Cable के लिए कनेक्टर
निचे दिए गए कुछ प्रमुख कनेक्टर्स है जो की Co-axial Cable के कनेक्शन में उपयोग में लाये जाते है जिसमे यस सब कनेक्टर्स BNC कनेक्टर के ही उप-प्रकार है ,मतलब की BNC कनेक्टर सबसे प्रमुख कनेक्टर है।
BNC कनेक्टर के प्रकार –
- BNC Connector
- BNC-T Connector
- BNC Terminator
2. Twisted Pair Cable
निचे दिए गए इमेज में आप ट्विस्टेड पेअर केबल देख सकते हो यह ट्रांसमिशन मीडिया में गाइडेड मीडिया का ही पार्ट है ,मतलब ट्विस्टर पेअर केबल भी वायर्ड कनेक्शन ही है।
यह सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाना वाला तथा को-एक्सियल केबल से या ऑप्टिकल फाइबर केबल से सस्ता ट्रांसमिशन मेडियम है।
निचे दिखाए गए इमेज में आप Twisted Pair Cable देख सकते हो।
Twisted Pair Cable के प्रकार
ट्विस्टेड पेअर केबल के प्रमुखतः दो प्रकार है जिन्हे अब हम विस्तार से जानते है।
- Unshielded Twister Pair Cable
- Shielded Twister Pair Cable
1. Unshielded Twister Pair Cable
- Unshielded Twister Pair Cable में दो इंसुलेटेड कंडक्टर होते है ,जो एक दूसरे से ट्विस्टेड होते है ,जो की स्पाइरल का आकर बनाते है। यह Unshielded Twister Pair Cable या फिर Shielded Twister Pair Cable दोनों में भी होता है।
- ऊपर Twisted Pair Cable की डायग्राम में जो शील्ड दिया गया है वह शील्ड Unshielded Twister Pair Cable में नहीं होता ,केवल दो इंसुलेटेड कंडक्टर होते है ,जो एक दूसरे से ट्विस्टेड होते है।
- Unshielded Twister Pair Cable की सबसे खास बात यह होती है की वह काफी सस्ती होती है (Shielded Twister Pair Cable से तुलना करे तो) और नेटवर्क बनाने में भी आसान होती है।
- Unshielded Twister Pair Cable में शील्ड न होने के कारन नॉइस की अड़चन आती है।
2. Shielded Twister Pair Cable
- Shielded Twister Pair Cable में हर एक पेअर में मेटल शील्ड या फिर ब्रैडेड मेष दिया जाता है जो की नॉइस रिडक्शन में मदत करता है।
- Shielded Twister Pair केबल में शील्ड लगे होने से नॉइस तो रेडके हो जाता है लेकिन वह कीमत और वजन को बढ़ा देता है।
- यही कारन है की Shielded Twister Pair Cable की तुलना में Unshielded Twister Pair Cable ज्यादा उपयोग में लायी जाती है।
Twister Pair Cable में वायर को क्यों ट्विस्ट करते है ?
आपको जानकर आश्चर्य होगा की ,Twister Pair Cable में पेयर्स को ज्यादा ट्विस्ट करने से नॉइस ज्यादा काम किया जा सकता है। इसीलिए जितने ज्यादा ट्विस्ट होंगे नॉइस उतना ही ज्यादा कम किया जायेगा। यही प्रमुख कारन है की ट्विस्टेड पेअर केबल में वायर को ट्विस्ट किया जाता है।
Difference Between UTP and STP in Hindi
UTP और STP में निचे दिया गया प्रमुख डिफरेंस है। या आप इसे Shielded Twister Pair Cable और Unshielded Twister Pair Cable के बिच की तुलना भी बोल सकते हो।
फ़ैक्टर | UTP (Unshielded Twister Pair) | STP (Shielded Twister Pair) |
कीमत | सबसे कम | मध्यम |
इंस्टालेशन करना | आसान | बहुत ही आसान |
हर एक सेगमेंट में कनेक्टेड नोड की संख्या | 2 | 2 |
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस | बहुत ज्यादा | ज्यादा |
बैंडविड्थ | 1-155Mbps (आम तौर पर 10Mbps) | 1-155Mbps (आम तौर पर 16Mbps) |
3. Optical Fiber Cable
आपको बता दू की Optical Fiber Cable ट्रांसमिशन मीडिया में गाइडेड मीडिया का अगला पार्ट है।आपको बता दू की Optical Fiber Cable ट्रांसमिशन मीडिया में गाइडेड मीडिया का अगला पार्ट है। ऑप्टिकल फाइबर केबल को निचे दिए गए डायग्राम/इमेज में दिखाया गया है।
- डायग्राम में आप देख सकते है की ग्लास कोर को ग्लास क्लैडिंग से ढका गया है ,जो की लोअर रेफ्रेक्टिव इंडेक्स और प्रोटेक्टिंग कवरिंग ले बना है।
- फाइबर ऑप्टिक केबल में जो सिग्नल ट्रांसमिट होते है वह लाइट के फॉर्म में होते है।
- ऑप्टिकल फाइबर केबल में लाइट को स्टार्टिंग पॉइंट से लेज़र या LED (Light Emitting Diode) से छोड़ा जाता है।
- लाइट ट्रांसमिट होने के बाद वह एन्ड में फोटो डिटेक्टर के माध्यम से कैच किया जाता है।
- फाइबर ऑप्टिक केबल से होने वाला ट्रांसमिशन सब ट्रांसमिशन से ज्यादा फ़ास्ट होता है।
Optical Fiber Cable की विशेषताएँ
निचे दी गयी Optical Fiber Cable की कुछ प्रमुख विशेषताएं है जो आपको समझनी जरुरी है।
- फाइबर ऑप्टिक केबल 100Mbps से 2Gbps के रेंज में काफी ज्यादा बैंडविड्थ देता है ,क्योंकि लाइट की जो फ्रीक्वेंसी होती है वह इलेक्ट्रिसिटी से कही गुना ज्यादा होती है।
- अगर आपको ज्यादा अंतर के लिए कनेक्शन बनाना है तो आप फाइबर ऑप्टिक केबल इस्तेमाल कर सकते हो क्योंकि ऑप्टिकल फाइबर केबल केबल में लाइट के माध्यम से सिग्नल दिया जाता है।
- फाइबर ऑप्टिक केबल में रिपीटर या एम्पलीफायर का उपयोग न करते हुए भी आप ज्यादा अंतर के लिए कनेक्शन कर सकते हो।
- फाइबर ऑप्टिक केबल के लिए लगने वाला खर्चा ट्विस्टेड पेयर्स केबल और को-एक्सियल केबल से भी ज्यादा होता है।
- अगर आप फाइबर ऑप्टिक केबल लगाना चाहते है तो यह आसान प्रोसेस नहीं होता ,फाइबर ऑप्टिक केबल का इंस्टालेशन थोड़ा कठिन होता है।
Optical Fiber Cable के फायदे
निचे दिए गए Optical Fiber Cable के कुछ प्रमुख फायदे है जो फाइबर ऑप्टिक केबल को सबसे अलग बनाते है।
- फाइबर ऑप्टिक केबल की साइज और वजन कम होता है
- दूर के अंतर के लिए फाइबर ऑप्टिक केबल ज्यादा अच्छी है क्योंकि लगने वाली कीमत कम है और लगने वाली चीजे भी आसानी से उपलब्ध होती है।
- फाइबर ऑप्टिक केबल में लाइट का उपयोग किया जाता है।
- फाइबर ऑप्टिक केबल की बैंडविड्थ भी अच्छी होती है।
- फाइबर ऑप्टिक केबल में ग्राउंड लूप भी नहीं होते।
Optical Fiber Cable के नुकसान
निचे दिए गए Optical Fiber Cable के कुछ प्रमुख नुकसान है।
- फाइबर ऑप्टिक केबल को इनस्टॉल करने से पहले अच्छे से प्लान करना होता है।
- अगर आप छोटे डिस्टेंस के लिए भी फाइबर ऑप्टिक केबल का इस्तेमाल करना चाहते है तो लगनी वाली कीमत काफी ज्यादा होती है।
- फाइबर ऑप्टिक केबल को अगर कही पर जोड़ना हो तो यह कार्य आसान नहीं होता।
Optical Fiber Cable के उपयोग
निचे दिए गए कुछ प्रमुख Optical Fiber Cable के उपयोग है
- फाइबर ऑप्टिक केबल का उपयोग बड़े-बड़े नेटवर्क को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है ,जहा पर आपको ज्यादा अंतर के लिए कनेक्शन करना होता है।
- ऑप्टिकल फाइबर केबल का उपयोग अब टेलीफोन सिस्टम में भी किया जाता है।
Unguided Media के प्रकार
निचे दिए गए Unguided Media के प्रमुख प्रकार है जो नेटवर्किंग में इस्तेमाल किये जाते है।
- Radio Transmission
- Microwave Transmission
- Infrared Transmission
1. Radio Transmission
रेडियो वेव्स जो होती है वह frequency 3 kHz से 1GHz तक की कम आवृत्ति वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव होती हैं। अगर आप शहर में या फिर भीड़-भाड़ वाली जगह में ट्रांसमिशन मीडिया से नेटवर्क बनाने की सोच रहे हो तो रेडियो ट्रांसमिशन सबसे अच्छा होगा क्योंकि रेडियो वेव्स बिल्डिंग का दीवारों से पर जा सकती है बिना किसी भी रूकावट के।
रेडियो फ्रीक्वेंसी से जो कम्युनिकेशन होता है उसमे रेडियो वेव्स को आकाश/स्काई में छोड़ा जाता है। आकाश में प्रसारित हुई वेव्स को आप एंटेना के माध्यम से प्राप्त कर सकते हो।
लेकिन रेडियो के सिग्नल या जो वेव्स होती है वह आकाश में प्रसारित की जाती है तो उनसे छेड़छाड़ की घटनाये होती है और सुरक्षा से लेकर भी सवाल उठते है।
2. Microwave Transmission
माइक्रोवेव का अर्थ होता है इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव, जिनकी रेंज 300 1 से 300 GHz ’तक होती है। माइक्रोवेव जो होती है वह नेचर में यूनिडायरेक्शनल में होती है। यहाँ पर सेन्डर एंटेना और रिसीवर का जो एंटेना होता है उसे पॉइंट टू पॉइंट कम्युनिकेशन जैसे ही रखा जाता है जैसे की दोनों एंटेना एक दूसरे का सामना कर रहे हो।
माइक्रोवेव ट्रांसमिशन के प्रमुख निचे दिए गए प्रमुख प्रकार है
- टेरेस्ट्रियल माइक्रोवेव ट्रांसमिशन
- सॅटॅलाइट माइक्रोवेव ट्रांसमिशन
1. टेरेस्ट्रियल माइक्रोवेव ट्रांसमिशन
टेरेस्ट्रियल माइक्रोवेव ट्रांसमिशन में सेन्डर और रिसीवर दोनों के एंटेना जमीं पर ही स्थित होते है और उनके बिच में कम्युनिकेशन के लिए line of sight propagation मोड का उपयोग किया जाता है।
2. सॅटॅलाइट माइक्रोवेव ट्रांसमिशन
सॅटॅलाइट माइक्रोवेव ट्रांसमिशन में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स को सेन्डर एंटेना द्वारा सॅटॅलाइट को भेज दिया जाता है और जान यह वेव्स/तरंगे सॅटॅलाइट को प्राप्त हो जाती है ,तब सॅटॅलाइट उन्हें फिरसे बूस्ट करता है और रिसीवर को भेज देता है। रिसीवर भी उसने एंटेना से सॅटॅलाइट से वह सिग्नल रिसीव करता है। इस प्रकार से Unguided transmission Media से भी कम्युनिकेशन किया जा सकता है .
3. Infrared Transmission
इंफ्रारेड ट्रांसमिशन का उपयोग कम दुरी वाले कम्युनिकेशन के लिए किया जाता है। इसमें इंफ्रारेड वेव की फ्रीक्वेंसी 300 GHz से 400 THz ’तक होती है।
इंफ्रारेड ट्रांसमिशन में सिग्नल रेडियो वेव जैसे बिल्डिंग या दिवार से पर नहीं जा सकते तो सिग्नल के साथ होने वाली छेड़छाड़ नहीं होती।
इंफ्रारेड ट्रांसमिशन का सबसे अच्छा उदहारण है आपके टीवी , डीवीडी प्लेयर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकारों के रिमोट कंट्रोल्स।
अंतिम शब्द
तो दोस्तों हमने अभी देखा की ट्रांसमिशन मीडिया क्या है और उसके प्रकार कोनसे है ? इसके साथ हमने देखा Guided Media और Unguided Media क्या है ? तो दोस्तों अगर आपको कोई भी समस्या है तो आप कमेंट में मुज़से पूछ सकते है मई आपके हर प्रश्न का उत्तर दूंगा।
धन्यवाद !