नई शिक्षा नीति 2020 क्या है – What is New Education Policy of India in Hindi

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम देखने वाले है नई शिक्षा नीति 2020. दोस्तों जैसा की हम सब जानते है भारत में नए लड़ाकू विमान राफेल आये है. यह भारत देश में आया बहुत बड़ा बदलाव है. और ३४ वर्षो के बाद भारत में नई शिक्षा निति की घोषणा भी की गई है. यानि की भारत में पिछले कुछ दिनों में दो महत्वपूर्ण और बड़े बदलाव हुवे है. कहते है जब किसी देश में कोई बड़ा बदलाव करना हो तो सबसे पहले उस देश की शिक्षा निति को बदलना चाहिए. और भारत ने भी इसकी शुरवात कर दी है!

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भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रलय ने कुछ दिन पहले इस नए शिक्षण निति की घोषणा की है. इसी लिए हम आज आपको बताएँगे की इस नई शिक्षा निति की वजह से तमाम छात्र और उनके माता पिता के जीवन अब क्या क्या बदलाव आने वाले है. अगर आप छात्र है या किसी छात्र के माता पिता है तो आपको यह सारी जानकारियां बहुत ध्यान से पढ़नी चाहिए ताकि आप अपना और अपने बच्चो का भविष्य सुधार सके !

नई शिक्षा निति के मुख्य बदलाव

अब तक भारत की शिक्षा व्यवस्था १० + २ के फॉर्मेट पर चलती थी लेकिन अब इसे ५ + ३ + ३ + ४ के फॉर्मेट में बदल दिया गया है. इसके तहत स्कुल के पहले ५ वर्षो की पढाई फाउंडेशन स्टेज मानी जाएगी. यानि इस दौरान छात्रों के लिए मजबूत नींन तैयार की जाएगी. इसका करिकुलन NCERT द्वारा तैयार किया जायेगा. और इसमें प्री-प्रायमरी के तीन वर्ष और पहली और दूसरी कक्षा का एक-एक वर्ष शामिल किया जायेगा. यानि की प्री-प्रायमरी के ३ साल और पहली और दूसरी कक्षा के २ साल !

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इसके तहत बच्चो को खेल कूद और अलग अलग गति-विधियों के जरिये पढ़ाया जायेगा. यानि इन कक्षाओं के छात्रों के लिए किताबो का बोज अब पहले जितना नहीं होगा. छात्रों को पढाई के साथ साथ खेल के लिए भी उत्तेजित किया जायेगा. इसलिए हम कहेंगे जो छोटे बच्चे अब स्कूलों में जायेंगे और अपनी शिक्षा की यात्रा को आरंभ करेंगे वह बहुत किस्मत वाले होंगे !

इसके बाद अगले ३ साल यानि तीसरी कक्षा से पांचवी कक्षा तक के पढाई दौरान छात्रों को भविष्य के लिए तैयार किया जायेगा. इसके तहत छात्रों का परिचय विज्ञानं , गणित , कला , सामाजिक विज्ञानं और ह्युम्यानिटी जैसे विषयो से करवाया जायेगा. इसके अगले ३ साल मिडल स्टेज माने जायेंगे और इसमें कक्षा ६ से लेकर कक्षा ८ तक के छात्र शामिल होंगे !

मिडल स्टेज में छात्रों को तय पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ाया जायेगा. और इसके बाद नौवीं से बारवी कक्षा तक इस फॉर्मेट की चार वर्षो वाली आखरी स्टेज होगी. इस स्टेज में छात्रों के अंदर किसी विषय के प्रति गहरी समाज पैदा की जाएगी. उनकी विश्लेषण क्षमता को बढ़ाया जायेगा. और उन्हें जीवन में बड़े लक्ष निर्धारित करने के लिए प्रेरित किया जायेगा !

छात्र चुन सकेंगे मन पसंद विषय

दोस्तों आपको बतादे के अब स्कूलों में पहले जैसा स्ट्रीम सिस्टम नहीं होगा. इसका मतलब अगर आर्ट का कोई छात्र फिजिक्स की पढाई करना चाहता है तो अब वह ऐसा कर पायेगा. और अगर कॉमर्स का कोई छात्र इतिहास की पढाई करना चाहता है तो वह भी ऐसा कर सकता है. लेकिन संभव है इसके लिए अलग अलग विषयो का एक पूल तैयार किया जायेगा !

पूल तैयार करने के बाद आपको उस पूल से ही अपनी पसंद के विषयो का चुनाव करना होगा. यानि अगर विज्ञानं के छात्र को इतिहास में रूचि है और उसके पूल में यह दोनों विषय शामिल है तभी छात्र इनकी पढाई एक साथ कर सकते है. अभी इस संदर्भ में पूरा स्पष्टीकरण आना बाकि है. लेकिन हमारे देश में पहले ३ स्ट्रीम मानी जाती थी सायंस , आर्ट और कॉमर्स आप इन तीनो में से किसी भी एक ही स्ट्रीम के विषयो को पढ़ सकते थे. लेकिन नयी शिक्षा निति के अनुसार आप सभी स्ट्रीम के विषय पढ़ सकते है !

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शिक्षा का अंग्रेजीकरण होगा समाप्त

पांचवी कक्षा तक की पढाई अब आपके मातृ भाषा में ही होगी. यानि अंग्रेजी में पढाई की अनिवार्यता समाप्त हो जाएगी. यह एक बहुत ही बड़ा बदलाव है. आप अपनी राष्ट्र भाषा में या अपनी मातृ भाषा में पढाई कर पायंगे. उदाहरण के लिए देखा जाये तो अगर आप पांचवी कक्षा तक अपने बच्चे को मराठी , संस्कृत या गुजराती भाषा में पढ़ाना चाहते है तो आप ऐसा कर सकते है !

अंग्रेजी सिर्फ एक विषय के तौर पर छात्रों को पढाई जाएगी यानि स्कूलों का जबरदस्ती अंग्रेजीकरन का दौर अब समाप्त हो जायेगा. यह एक बहुत बड़ा बदलाव है. काफी सारे बच्चो को अंग्रेजी की वजह से कठिनाइया होती है. लेकिन अब वे सारे छात्र अपने मातृ भाषा में पढाई कर सकते है. जिससे की किसी भी छात्र को पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं होगी !

कक्षा ६ से सिख सकेंगे कंप्यूटर कोडिंग

छटी कक्षा में पहुँचने के बाद छात्रों को कंप्यूटर कोडिंग सिखने का मौका मिलेगा. यानि की अब भारत के छात्र चीन जैसे देशो के तर्ज पर छोटी उम्र में ही सॉफ्टवेयर और मोबाइल फोन एप्लिकेशन बनाने की तकनीक सिख पाएंगे. और छटी कक्षा से ही छात्रों को इंटर्नशिप का मौका भी मिलेगा. यानि की किसी छात्र की किसी खास विषय में रूचि है और वह छात्र उसकी प्रैक्टिकल नॉलेज हासिल करना चाहता है तो वह इस विषय से जुडी इंटर्नशिप कही भी कर सकता है !

उदाहरण के लिए अगर आप पेंटिंग करने का शौक रखते है तो आप किसी पेंटर के पास इंटर्नशिप के लिए जा सकते है. अगर आपको सॉफ्टवेयर में इंट्रेस्ट है तो आप किसी सॉफ्टवेयर कंपनी में अपने स्कुल के दौरान ही इंटर्नशिप कर सकते है. यह अवसर भी आपको नई शिक्षा नीति 2020 में दिया गया है. दोस्तों इस नई शिक्षा निति के कारण अब भारत का हर छात्र छोटी उम्र में ही कोडिंग सिख सकता है. जिसका फायदा उसे आने वाले समय में अपने और अपने देश का भविष्य उज्वल करने में होगा !

कक्षा ९ से १२ तक Semester System से परीक्षा होगी

नौवीं कक्षा से बारवी कक्षा तक की परीक्षाएं अब सेमेस्टर के आधार पर होंगी. एक साल में दो सेमेस्टर होंगे. और हर ६ महीने पर एक परीक्षा होगी. दोनों सेमेस्टर के अंको को जोड़कर आपकी फाइनल मार्कशीट तैयार की जाएगी. यानि अब एक छात्र के तौर आपको पुरे साल पढाई करनी होगी. और आप यह कह कर अब बच नहीं सकेंगे की आप सिर्फ फाइनल exam की तैयारी करना चाहते है !

इससे पहले आपने देखा होगा बहुत सारे छात्र ऐसे होते है जो साल के आखिर में परीक्षा नजदीक आने पर कुछ समय तक पढ़ते है. और उसके आधार पर वह फाइनल परीक्षा में बैठते है. उनमे से बहुत सारे छात्र अच्छे नंबर ले भी लेते है. लेकिन नई शिक्षा नीति 2020 को ध्यान में रखते हुए हर छात्र को पुरे साल पढाई करनी होगी !

Report Card 360 डिग्री Assesment के आधार पर बनेगा

दोस्तों नई शिक्षा नीति 2020 में बोर्ड की परीक्षा को आसान बनाया जायेगा. और इसमें छात्रों की समझने की क्षमता पर ज्यादा ध्यान दिया जायेगा. ट्यूशन और कोचिंग क्लास के जरिये रट्टा मारने की आदत को समाप्त किया जायेगा. बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों को उनकी पसंद की भाषा में परीक्षा देने की पूरी छूट होगी. उदाहरण के लिए अगर आप चाहे तो हिंदी या अंग्रेजी में से किसी भी एक भाषा में परीक्षा दे सकते है !

छात्रों के रिपोर्ट कार्ड को भी अब पहले की तरह तैयार नहीं किया जायेगा. किसी भी छात्र को फ़ाइनल मार्क देते समय उसके व्यवहार , उसका प्रदर्शन और मानसिक क्षमताओ का भी ध्यान रखा जायेगा. इसके अलावा रिपोर्ट कार्ड को 360 डिग्री Assesment के आधार पर तैयार किया जायेगा. जिसमे छात्र खुद को भी अंक देंगे यानि अपना खुद का भी विश्लेषण करेंगे. इसके साथ ही विषय पढ़ाने वाले शिक्षक भी छात्रों को अंक देंगे. और छात्रों के सहपाठी भी उनका आकलन करेंगे !

कॉलेज एडमिशन में Common Aptitude Test होगा

जो छात्र अभी कॉलेज में जाने वाले है वह भी ध्यान से पढ़े, अब देश के छात्र कॉलेज में एडमिशन के लिए Common Aptitude Test दे पाएंगे. इसका अर्थ यह है की १२ वि कक्षा के बोर्ड exam में आपके ठीक नंबर नहीं आए है या आपके मार्क्स इतने नहीं आए है की आपको कट ऑफ़ पर्सेंटेज के आधार पर सीधे किसी कॉलेज में एडमिशन मिल पाए. तो आप Common Aptitude Test भी दे सकते है !

उसके बाद इस टेस्ट में आपके प्रदर्शन को आपके बारवी कक्षा के अंको के साथ जोड़ दिया जायेगा. और उस आधार पर आपको अपने मन पसंद कॉलेज में एडमिशन मिल पाएगा. लेकिन इसके लिए Common Aptitude test में आपका प्रदर्शन अच्छा होना चाहिए. तभी आप अपने मन पसंद कॉलेज में एडमिशन ले सकते है. और अपनी आगे की पढाई कर सकते है !

Graduation पढाई को ३ और ४ वर्षो में बाटा जायेगा

दोस्तों पहले अगर आप कॉलेज की पढाई को बिच में छोड़ देते थे तो आपको ग्रेजुएशन की डिग्री नहीं मिलती थी. आपको उसके लिए ग्रेजुएशन की पढाई को पूरा करना पड़ता था. लेकिन नई शिक्षा नीति 2020 लागु होने के बाद अगर आप एक साल के बाद कॉलेज छोड़ देते है तो आपको सर्टिफिकेट दिया जायेगा. जो की आपका एक वर्ष का ग्रेजुएशन कोर्स होगा !

ठीक इसी तरह अगर आप सेकंड ईयर पास कर लेते है और दो साल के बाद पढाई छोड़ देते है तो आपको डिप्लोमा का सर्टिफिकेट दिया जायेगा. और अगर आप थर्ड ईयर यानि की तीन साल की पढाई पूरी कर लेते है तो आपको बैचलर्स डिग्री दी जाएगी. और अगर आप चार साल का कोर्स करके बैचलर्स डिग्री लेना चाहते है तो आपको रिसर्च के सर्टिफिकेट के साथ यह डिग्री मिलेगी !

इससे उन छात्रों को बहुत फायदा होगा जो कॉलेज के दौरान किसी प्रोजेक्ट पर काम कर चुके है. चार वर्ष के इस कोर्स में स्कुल की छात्रों के तरह कॉलेज के छात्र भी अलग-अलग विषयो की पढाई एक साथ कर पाएंगे. इस व्यवस्था को मल्टी एंट्री और मल्टी एग्जिट वाली व्यवस्था कहा जाता है. यानि छात्र जिस विषय की पढाई करना चाहेंगे वह कर सकते है. और जब वह इसे छोड़ना चाहते है तब उसे छोड़ पाएंगे !

नई शिक्षा नीति कब लागू होगी

आप सभी के मन में यह सवाल जरूर होगा की यह नई शिक्षा नीति 2020 कब लागु होगी. तो आपको बतादे की इसके लिए जो बिल तैयार किया गया है उसका नाम है नैशनल हायर एजुकेशन बिल. इस बिल को फ़िलहाल कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. और अब इसे संसद में पेश किया जायेगा. और इसके बाद यह कानून की शक्ल ले लेगा. और फिर राज्य सरकारों को भी इसपर कानून बनाकर अपने-अपने राज्य में लागु करना होगा !

इसी शिक्षा निति की घोषणा के साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम भी अब बदल दिया जायेगा. और अब इसका नाम होगा शिक्षा मंत्रालय जो की बहुत सरल है. और यह काम बहुत पहले ही कर देना चाहिए था. नई शिक्षा नीति 2020 को तैयार करने के लिए २ लाख से ज्यादा लोगो की राय ली गयी. और इसी के बाद इस नई शिक्षा नीति 2020 की घोषणा की गई है !

यह शिक्षा निति वर्ष २०२१ और २०२२ के अकेडमिक सेशन तक लागु हो जाएगी. यानि आपका जो अगला अकेडमिक सेशन होगा जो २०२१ में शुरू होगा वह इस नई शिक्षा नीति 2020 के साथ नए नियमो के साथ लागु होगा. दोस्तों यह शिक्षा निति भारत के भविष्य को बहुत ही उज्वल बनाएगी और हर छात्र टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ा जायेगा !

अंतिम शब्द

तो दोस्तों यह थी नई शिक्षा नीति 2020. हमने आसान भाषा में इसे समझाने की कोशिश की. उम्मीद है हर छात्र को और उनके माता-पिता को समझ आया होगा की यह शिक्षा निति किस प्रकार है. और कितनी ज्यादा फायदेमंद है. अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ इसे जरूर शेयर करे. ताकि वह भी इस नई शिक्षा नीति 2020 के बारे में जान सके. और साथ ही वेबसाइट के नोटिफिकेशन बेल को भी ऑन कर दे ताकि आने वाले समय में आप कोई भी आर्टिकल मिस ना करे क्योकि हम रोजाना ऐसेही फायदेमंद आर्टिकल आपके लिए लाते रहते है. अगर इस लेख से जुडी आपको कोई भी समस्या हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है धन्यवाद !

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