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TRP क्या है – TRP के बारे में सब कुछ जो आपके लिए जानना ज़रूरी है !

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आज के इस आर्टिकल में हम देखने वाले है TRP क्या है और TRP full form in hindi दोस्तों अगर आप टेलीविजन देखते है तो आपने TRP यह वर्ड तो जरूर सुना होगा . बहुत से लोग भी इस विषय पर चर्चा करते हुए आपको नजर आते होंगे की इस चैनल की TRP इतनी है उस चैनल की TRP उतनी है . तो आखिर यह TRP होती क्या है !

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आपने द कपिल शर्मा शो का नाम तो सुना ही होगा यह टीवी सीरियल टॉप १० TRP टीवी शो में नंबर १ रह चूका है . और इसके साथ ही अन्य कई चैनल भी टॉप पर रह चुके है . तो चलिए अब जानते है की TRP क्या है , TRP full form in hindi और साथ ही जानेंगे की TRP किस प्रकार कॅल्क्युलेट की जाती है . तो चलिए शुरू करते है !

TRP क्या होती है – TRP full form in hindi

दोस्तों TRP का फुल फॉर्म होता है टेलीविजन रेटिंग पॉइंट . इन पॉइंट्स से ही पता चलता है की टीवी पर कोनसा शो लोगो द्वारा कितना अधिक देखा गया . TRP पॉइंट्स से ही पता चलता है की आखिर कोनसा शो कितना हिट जा रहा है . और कोनसा शो फ्लॉप जा रहा है . TRP से पता चलता है की किस चैनल का कितना इम्प्रेशन है , किस चैनल को लोगो द्वारा सबसे ज्यादा देखा जा रहा है और किस एरिया से देखा जा रहा है !

दोस्तों TRP को आंकड़ों में नापा जाता है . TRP की मदत से ही टीवी चैनल वाले पैसे कमाते है . जब आप कोई चैनल देखते है तो उससे उस चैनल की TRP बढ़ती है . और जितनी ज्यादा TRP उस चैनल को मिलती है उतने ज्यादा विज्ञापन उस चैनल पर दिखाए जाते है . और जितने ज्यादा विज्ञापन उस चैनल पर दिखाए जाते है उतने ज्यादा वह चैनल पैसे कमाता है !

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इसीलिए टीवी चैनल के लिए TRP एक महत्पूर्ण हिस्सा होता है . कुछ ऐसे भी चैनल होते है जो की हमें फ्री में दिखाए जाते है . और कुछ ऐसे चैनल होते है जिसके लिए हमें पैसे देने पड़ते है . हालही के समय में TRP को लेकर एक बड़ा रैकेट सामने आया है . उन चैनल पर दावा किया गया है की उन्होंने पैसे देकर TRP ख़रीदे है . इससे आप अंदाजा लगा सकते है की टीवी चैनल के लिए TRP का कितना महत्व होता है !

हर एक चैनल अपनी TRP बढ़ाने में लगा होता है . कुछ टीवी चैनल के कुछ खास ऐसे शो होते है जिनकी वजह से उस चैनल का TRP बढ़ता है . उदहारण लिया जाये तो सब टीवी का तारक मेहता का उल्टा चश्मा . इस शो की वजह से सब चैनल की trp भी बढ़ती है दोस्तों अब आप समझ ही गए होंगे की TRP क्या है . तो चलिए अब जानते है की आखिर trp किस तरह से कैलकुलेट कि जाता है. और चैनल की पॉपुलैरिटी किस प्रकार तय की जाती है !

TRP कैसे चेक की जाती है ?

दोस्तों चैनलों की रेटिंग या TRP जानने के लिए चंद बड़े शहरों में एक खास तरह की डिव्हाईस कुछ चुनिंदा जगहों पर लगाई जाती है . इस डिव्हाईस को People’s Meter कहा जाता है . यह मीटर हर किसी के घर में नहीं लगते . इसके लिए कुछ खास जगह ही सिलेक्ट की जाती है . इन People’s Meter को ज्यादातर शहरो में लगाया जाता है !

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जब यह People’s mitar लगा दिए जाते है तो यह डिव्हाईस अपने एरिया के सभी set of box से कनेक्ट हो जाती है TRP आम केबल कनेक्शन पर नहीं नापी जा सकती इसके लिए set of box वाला कनेक्शन जरुरी होता है खास जगहों पर लगे यह People’s mitar संबंधित set of box की जानकारी ऊपर मॉनिटरिंग टीम के पास भेजते है !

जैसे की किस टीवी देखने वाले व्यक्ति ने किस वक्त कौनसा शो सबसे ज्यादा देखा , कितनी देर तक देखा इसके अलावा पिक्चर मैचिंग वाले हिस्से को भी एनलाइस करके देखा जाता है . की कौनसा शो सबसे ज्यादा देखा जा रहा है . इस तरह की सभी जानकारी People’s mitar अपनी मॉनिटरिंग टीम को भेजता है और उसके हिसाब से TRP सुनिश्चित की जाती है !

उदाहरण लिया जाए तो मान लीजिये आप एक यूट्यूबर या ब्लॉगर है . आपको अपने चैनल की या ब्लॉग की सम्पूर्ण जानकारी एक खास एप्लिकेशन द्वारा मिलती है . जैसे की आपके विडिओ पर व्हिव कितने है या ब्लॉग पर ट्रैफिक कितनी है , कितना इम्प्रेशन है कहा कहा से लोग देख रहे है , कितनी महिलाये है , कितने पुरुष है इस तरह की सभी जानकारी आपको देखने मिलती है. People’s mitar भी ठीक उसी तरह से जानकारी प्राप्त करता है और अपनी मॉनिटरिंग टीम को भेजता है !

TRP का हिसाब कौन रखता है ?

TRP का हिसाब-किताब रखने की जिम्मेदारी INTAM और DART नाम की एजंसी करती है . INTAM का मतलब होता है इंडियन टेलीविजन ऑडियंस मेजरमेंट . और DART का मतलब होता है दूरदर्शन ऑडियंस रिसर्च टीम . डार्ट की रेटिंग तब ज्यादा महत्व रखती थी जब प्राइवेट चैनल बहुत कम या नहीं के बराबर थे !

हालहाकी डार्ट अभी भी काम करती है . यह ग्रामीण इलाकों और उन छोटे शहरी इलाकों में टीवी देखे जाने वाले पार्ट पर नजर रखती है . डार्ट लोगो के पास जा कर और इलेक्ट्रॉनिक दोनोही तरीके से डेटा कलेक्ट करती है . दूसरी तरफ INTAM ( इंडियन टेलीविजन ऑडियंस मेजरमेंट ) पूरी तरह से अपनी People’s mitar के भरोसे काम करती है !

इस TRP के जरिये ही इंडस्ट्री की सबसे बड़ी रेटिंग एजेंसी BARC ( broadcast audience research council ) एक लिस्ट जारी करती है . यह लिस्ट हर हफ्ते आती है . इसमें लिखा होता है की किस चैनल को किस टाइम में कितने इम्प्रेशन मिले मतलब कितने लोगो द्वारा उसे देखा गया . उस हिसाब से चैनलों की trp तय की जाती है और उसके अनुसार चैनलों की लिस्ट बनाई जाती है !

TRP से टीवी चैनल्स को क्या फायदा होता है ?

टीवी चैनल के कमाई का सिस्टम पूरी तरह से TRP से चलता है . टीवी चैनल्स को अपनी आमदनी का ९० फीसदी हिस्सा विज्ञापनों से मिलता है . इन विज्ञापनों को दिखाने का टीवी चैनल्स का अपना अलग अलग रेट होता है . और यह रेट उस बात से भी तय होता है की किसी चैनल को कितने ज्यादा लोग देख रहे है . और यह सब trp के आकड़े बताते है !

इसीसे पता चलता है की कौनसा चैनल ज्यादा पॉपुलर है . इसके बाद तो आप समझ ही सकते है ‘ जो दीखता है वह बिकता है ‘ जिसकी ज्यादा trp उसके पास उतने ज्यादा विज्ञापन देने वाले लोगो की भीड़ . इस भीड़ के चलते उस चैनल के विज्ञापनों के उतने ही ज्यादा रेट . लेकिन यह उस चैनल की गुणवत्ता नहीं बल्कि ज्यादा से ज्यादा उसे देखने वालो की रेटिंग होती है !

उदाहरण देखा जाए तो मान लीजिए एक टीवी चैनल पर ५ लोग काम करते है . और उन्हें सालाना १०-१० लाख रुपये मिलते है . और बाकि खर्च १० लाख का आता है . अब अगर उस चैनल की trp ज्यादा है और उसे १ करोड़ के ऐड मिल रहे है . तो उस चैनल मालिक को ५ लोगो की सैलरी और अन्य १० लाख रुपये खर्च जोड़ने के बाद भी ४० लाख बचते है . अगर उस चैनल की trp निचे गिर जाती है तो ऐड देने वालो की संख्या कम हो जाएगी . और चैनल मालिक को चैनल का खर्च चलना मुश्किल हो जायेगा . इसलिए हर चैनल trp के पीछे भागता है !

अंतिम शब्द

तो दोस्तों यह था TRP क्या है और TRP full form in hindi . उम्मीद है आपको trp के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिल गयी होगी . और आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा . अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे और साथ ही वेबसाइट के नोटिफिकेशन बेल को भी ऑन कर दे . ताकि आने वाले समय में आप कोई भी आर्टिकल मिस ना करे. क्योकि हम इसी तरह के हेल्पफुल आर्टिकल आपके लिए लाते रहते है . अगर इस आर्टिकल से जुडी आपको कोई भी समस्या हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है धन्यवाद !

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Raj d Patil
Raj d Patilhttps://techyatri.com/
Raj , टेक यात्री के सह-संस्थापक और Senior Editor हैं. इन्हे तकनिकी और गेमिंग के बारे में लिखना अच्छा लगता है. राज, टेक्नोलॉजी को आसान शब्दों में लोगों तक पहुँचाने में विश्वास रखते है इसलिए वो अपना अधिकतम समय हाई क्वालिटी टेक्नोलॉजी लेख लिखने में बिताते है.
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