WWW का पूरा नाम क्या है | WWW Meaning In Hindi

WWW का फुल फॉर्म होता है वर्ड वाइड वेब (World Wide Web) जिसे इंटरनेट की भाषा में वेब भी कहा जाता है। WWW हमे किसी भी वेबसाइट के URL (Uniform Resource Locator) में http:// के बाद दिखाई देता है। यह वेबसाइट को वर्ड वाइड बनता है ,जिससे की आपकी वेबसाइट दुनिया में कही भी एक्सेस हो सकती है।

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अब हमने यह तो देख लिया की WWW का अर्थ वर्ड वाइड वेब (World Wide Web) होता है। लेकिन यह इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है। क्योंकि यह काफी बड़ी कांसेप्ट है। तो अब हम विस्तार से जानते है की WWW क्या होता है?

हम अगर WWW (World Wide Web) का हिंदी में अर्थ देखे तो विश्व व्यापी वेब ऐसा होता है। अब हमे WWW के बारे में पता तो चल गया है की यह होता क्या है। लेकिन अब आगे हम विस्तार से इसके उपयोग, रचना, कार्यपद्धति को जानते है।

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WWW का पूरा नाम क्या है ?

WWW का पूरा नाम वर्ड वाइड वेब (World Wide Web) है। जिसे वेब भी कहा जाता है। और इसका हिंदी में विश्व व्यापी वेब ऐसा अर्थ होता होता है। WWW यह एक प्रणाली है जिसकी मदत से हम इंटरनेट पर उपलब्ध वेब पेजेस को प्राप्त कर सकते है जो की हाइपर टेक्स्ट में मौजूद होते है।

world wide web

हम WWW की मदत सभी वेब पेजेस को प्राप्त कर सकते है जिनमे टेक्स्ट, छवि(इमेजेस) ,ऑडियो, वीडियो तथा अन्य मल्टीमीडिया भी उपलब्ध है। वह सभी वेब पेजेस हाइपरलिंक की सहायता से आपस में जुड़े होते है जिसे इंटरनेट का जाल बन जाता है।

WWW की खोज टीम बर्नर्स ली ने 1989 में की थी। उस समय टीम बर्नर्स ली यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संगठन में काम करते थे। लेकिन WWW को 1992 में जारी किया गया।

फिर वेब की दुनिया में एक क्रांति आ गयी थी। उसके बाद टीम बेर्नेर्स-ली ने 1993 में HTML की खोज की जिसमे मार्कअप लैंग्वेज में वेब पेजेस को विकसित किया जाने लगा।

WWW का इतिहास

WWW की खोज टीम बर्नर्स ली ने 1989 में की थी। उस समय टीम बर्नर्स ली यूरोपीय नाभिकीय अनुसंधान संगठन में काम करते थे।

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लेकिन अभीतक WWW को उपयोग में नहीं लाया गया था। उसके बाद कुछ दिन इसपर काम किया गया। फिर आगे चलकर उन्होंने 1989 में प्रस्ताव रखा। फिर आगे रॉबर्ट कैल्लिअउ की मदद से उन्होनें नवम्बर 12, 1990 में WWW का एक अधिक औपचारिक प्रस्ताव प्रकाशित किया।

उसके बाद नेक्स्ट क्यूब इस पहले वेब सर्वर और वेब ब्राउज़र का उपयोग 1990 में बरनर्स-ली ने WWW को लिखने के लिए किया था। इस्पे काम करते-करते 1990 इस साल के क्रिसमस मतलब 25 दिसम्बर तक बरनर्स-ली ने लगभग WWW के लिए लगने वाले सभी रेसोर्सेस का निर्माण कर लिया था। जिसमे पहला वेब ब्राउज़र, पहला वेब रोबोट और वेब पजेस का समावेश था।

अब बारी आ गयी थी WWW को सार्वजनिक करने की ,तो उन्होंने 6 अगस्त 1991 को WWW को सभी लोगों के लिए सार्वजनिक कर दिया। जिसमे अब लोग इंटरनेट पर ब्राउज़िंग कर सकते थे। जिसमे दुनिया का सबसे पहला यूरोप के बहार SLAC नमक एक सर्वर 1991 में ही बनाया गया।

यह बेर्नेर्स-ली की एक बड़ी सफलता मणि जाती है। उन्होंने एक और बड़ा काम कर दिया जिसमे उन्होंने हाइपरटेक्स्ट और इंटरनेट का आपस में मेल कर दिया। और उन्होंने आगे चलकर URL की भी खोज की जो वेब में लगने वाले सभी साधनो को जोड़ता है। इसलिए बेर्नेर्स-ली को URL का फाउंडर कहा जाता है।

WWW कैसे काम करता है ?

अबतक हमने WWW के बारे में काफी कुछ बाटे जान ली लेकिन अब जानते है सबसे महत्वपूर्ण बात ,जिसमे हम WWW के कार्य प्रणाली पर नजर डालने वाले है।

निचे दिए गए कुछ स्टेप के माध्यम से हम आसानी समझने की कोशिश करते है की WWW कैसे काम करता है। निचे दिए गए कुछ स्टेप के माध्यम से हम आसानी समझने की कोशिश करते है की WWW कैसे काम करता है। और उसमे ब्राउज़र से लेकर सर्वर तब पहुँचने में क्या-क्या प्रोसेस होती है वह सब जानते है।

WWW working in hindi

1. सबसे पहले ब्राउज़र के एड्रेस बार में URL लिखा जाता है। या फिर उसके हाइपरलिंक पर सीधा क्लिक किया जाता है। उसके बाद वह रिक्वेस्ट सर्वर तक जाती है और बाद में वह वेबपेज ढूंढ़कर ब्राउज़र में डाउनलोड होता है। अब सर्वर रेस्पोंस में आये हुए सभी कम्युनिकेशन सन्देश की श्रृंखला बनता है।

2. इसमें हमने जो भी URL एड्रेस बार में डाला होता है उसका सर्वर नाम वाला हिस्सा Domain Name Server को भेज दिया जाता है। अब IP की सहायता से सर्वर से संपर्क किया जाता है और डाटा पैकेज भेजते है।

3. अब ब्राउज़र मिले हुए वेब सर्वर के एड्रेस पर HTTP (Hypertext Transfer Protocol) या फिर HTTPS (Hypertext Transfer Protocol Secure) की रिक्वेस्ट भेजता है और रिसोर्स मांगता है। साधारणतः ब्राउज़र सबसे पहले सर्वर पर उपलब्ध उस HTML पेज के टेक्स्ट के लिए रिक्वेस्ट करता है। और बाद में इमेज, ऑडियो, वीडियो और अन्य मल्टीमीडिया के लिए रिक्वेस्ट करता है। इसीलिए आपने देखा होगा की किसी वेबसाइट का टेक्स्ट वाला हिस्सा सबसे पहले दीखता है बाद में धीरे धीरे इमेज और बाकि मल्टीमीडिया दीखता है।

4. सर्वर से आवश्यक सभी फाइल्स मिलने के बाद वेब ब्राउज़र स्क्रीन पर उस HTML वेब पेज को दिखता है ,जिसे हम वेबसाइट के रूप में देखते है। और CSS और अन्य वेबसाइट की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जैसे JavaScript और बाकि सब को कार्य में लेता है और स्क्रीन पर आउटपुट दिखता है।

5. वेब पजेस आपस में हाइपरलिंक के मध्य से जुड़े हुए होते है। जिनमे टेक्स्ट, इमेजेस, ऑडियो,वीडियो और अन्य मल्टीमीडिया भी शामिल होता है। कुछ वेब पजेस में डाउनलोड के लायक भी कुछ साहित्य होता है। जो भी वेब पेज के लिए आवश्यक संसाधन/रिसोर्सेस होते है वह सभी आपस में हाइपरलिंक द्वारा जुड़े हुए होते है इसेही ‘वेब’ कहा जाता है

WWW का उदहारण

हमने WWW के बारे में लगभग सारी जानकारी प्राप्त कर ली है। लेकिन उदहारण के साथ अगर देखे तो आपको जल्दी ही समाज में आ जटगा इसीलिये हम WWW का उदहारण देखते है।

https://www.website-name.com/folder1/folder2/web-page.html
https://यह प्रोटोकॉल है
wwwURL में WWW सबडोमेन का काम करता है
website-nameवेबसाइट का नाम
.comडोमेन सफिक्स (Eg-.net, .in, .org etc.)
/folder1/folder2फोल्डर के नाम
web-page.htmlवेब पेज का नाम

ऊपर दिए गए उदाहरण में एक URL दिया है जिसमे आप देख सकते है की URL में WWW का उपयोग कैसे होता है। और इसी के साथ-साथ अन्य भी कुछ पैरामीटर्स होते URL से जुड़े होते है ,वह भी देखा।

अंतिम शब्द

तो दोस्तों आशा करता हु की आपको WWW का पूरा नाम क्या है ? इसकी जानकारी मिल गयी होगी। इसी के साथ-साथ WWW का फुल फॉर्म और WWW कैसे काम करता है यह भी हमने उदहारण के साथ देखा। अगर आपके मन में WWW से जुड़ा हुआ कुछ भी सवाल हो तो आप कमेंट में पूछ सकते है। या फिर अन्य कुछ भी टेक्निकल सवाल हो तो आप पूछ सजते है। धन्यवाद !

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2 COMMENTS

  1. It’s such a Amazing Article About WWW there are Many Article About WWW but You Write HOW TO WORK WWW In Details and Step by Step.

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