HomeHOW TOसॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने ? और सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्या काम करते है...

सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने ? और सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्या काम करते है ?

आजकल हमें सॉफ्टवेयर इंजीनियर यह शब्द काफी ज्यादा सुनने को मिलता है. क्योंकि ज्यादातर चीजें आजकल ऑनलाइन ही होती है. तो यह बदलाव देखते हुए आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्या है ? और सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने ? और सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्या काम करते हैं ? जिससे कि हम आजकल सारे काम ऑनलाइन कर पा रहे हैं .

सबसे पहले आपको यह जानना काफी जरूरी है कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर आखिर ऐसे क्या काम करते हैं जिससे कि हम सारी चीजें आजकल ऑनलाइन कर पा रहे हैं मैं आपको बता दूं कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर एक प्रोग्रामर होता है जो कि कोडिंग के माध्यम से ऑनलाइन वेबसाइट, मोबाइल  एप्लीकेशन और PC के सॉफ्टवेयर बनाता है. जिससे कि हम अपने कार्य आसानी से ऑनलाइन कर सकते हैं.

इंजीनियर कितने प्रकार के होते हैं ?

आपको सबसे पहले यह  जानना जरूरी है कि इंजीनियरिंग में किस प्रकार की ब्रांच होती है?  सॉफ्टवेयर  इंजीनियरिंग यह तो इंजीनियरिंग की  एक शाखा है. तो आप यह सोच रहे होंगे कि इंजीनियरिंग में कितने प्रकार होते हैं. इंजीनियरिंग में सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग,  मैकेनिकल इंजीनियरिंग,  ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग,  सिविल इंजीनियरिंग,  इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग  यह मुख्य  शाखाएं होती है.  इन शाखाओं से  पढ़ने वाले इंजीनियर भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं. जैसे कि सॉफ्टवेयर शाखा में डिग्री हासिल करने वाले इंजीनियर को सॉफ्टवेयर इंजीनियर कहा जाता है.

दसवीं के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने ?

अगर आप दसवीं कक्षा में पढ़ रहे हो या आप दसवीं पास हो चुके  हो. और आपको भी यह सवाल मन में      सता रहा है कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने ? तो आप दसवीं के बाद भी  सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की राह पर चल सकते हो. जिसमें आपके सामने दो ऑप्शन होते हैं. 

  • एक तो आप  पॉलिटेक्निक में एडमिशन ले
  • दूसरा, बारहवीं की पढ़ाई पूरी करें

अगर आप दसवीं के बाद ही पॉलिटेक्निक्स में एडमिशन लेते हो तो आप 3 साल के कोर्स में जूनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हो. जिसके लिए आपको दसवीं में 50% से ज्यादा मार्क आवश्यक है.

लेकिन अगर आप दूसरा ऑप्शन सिलेक्ट करते हो तो आप बारहवीं करके, पॉलिटेक्निक्स के दूसरे वर्ष में प्रवेश लेकर 2 साल में जूनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हो.  या आप बी. टेक. की 4  साल की डिग्री को भी प्रथम वर्ष में प्रवेश लेकर 4 साल में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हो . जिसके लिए आप को  12वीं में 60% से ज्यादा मार्क्स होना आवश्यक है

इसके अलावा तीसरा ऑप्शन यह है कि आप पॉलिटेक्निक का कोर्स पूरा करके बी. टेक. के दूसरे वर्ष में प्रवेश लेकर 3 साल में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हो.

पॉलिटेक्निक और बीटेक में क्या अंतर है ?

मैं आपको बता दूं कि आप पॉलिटेक्निक की डिग्री हासिल कर के जूनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर ही कहलाते हो. और अगर आप बी. टेक. की 4 वर्ष की डिग्री पूर्ण करते हो, तो आप सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर कहलाते हो.

सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्या काम करते है ?

दोस्तों हमने यह तो जान लिया कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने अब जानते हैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्या काम करता है ? सॉफ्टवेयर इंजीनियर जो काम करता है उसी के कारण आप पूरी दुनिया से ऑनलाइन जुड़े रहते हैं.  जिसमें आपकी सोशल मीडिया एप्लीकेशन से लेकर कॉलेज या स्कूल के फॉर्म भरने की वेबसाइट तक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ही मैनेज करते हैं. जो भी चीजें इंटरनेट से जुड़ी हुई है या जो भी कंप्यूटर या मोबाइल में आप इस्तेमाल करते हैं वह  सब सॉफ्टवेयर इंजीनियर का ही कमाल होता है. तो आज हम जानते हैं कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्या काम करता है. मुख्यता सॉफ्टवेयर इंजीनियर जो काम करता है वह नीचे दी गई सूची अनुसार है.

  • अलग-अलग सॉफ्टवेयर तथा अन्य उपयुक्त  चीजों के लिए कोडिंग करना
  • मोबाइल एप्लीकेशन बनाना
  • मोबाइल तथा कंप्यूटर के लिए गेमिंग बनाना
  • सॉफ्टवेयर के लिए एल्गोरिदम डिजाइन करना
  •  सॉफ्टवेयर टेस्टिंग करना
  • कंप्यूटर ऑपरेट या  सेट-अप करना
  • सॉफ्टवेयर से जुड़ी हुई जानकारी इकट्ठा करके सॉफ्टवेयर के लिए डायग्राम बनाना तथा योजना बनाना
  • सॉफ्टवेयर से जुड़े हुए डॉक्यूमेंट बनाना

सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए कितना पैसा लगता है ?

सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए लगने वाला  खर्चा हर कॉलेज या संस्थान के हिसाब से अलग अलग होता है. लेकिन अगर हम सरकारी कॉलेज की बात करें तो वहां पर लगभग आपको हर साल का 20 से ₹30000 तक का खर्चा आ सकता है. यही अगर आप प्राइवेट कॉलेज से करते हो तो आपको आने वाला खर्चा कम या ज्यादा भी हो सकता है.  कोई प्राइवेट कॉलेज  कम पैसों में भी एडमिशन दे देते हैं तो वही काफी प्रचलित कॉलेज आपको 70000 से लेकर 100000 तक की भी मांग सकते हैं.

अगर हम इंजीनियरिंग के  एडमिशन के खर्चे की एवरेज निकाले तो आपको 20 से ₹40000 तक लग सकते हैं.  लेकिन आपको यह जानना भी  आवश्यक है कि इंजीनियरिंग में एडमिशन के अलावा भी काफी सारे अलग-अलग प्रकार के खर्च होते हैं.  जिसमें आपको परीक्षा  का शुल्क,  असाइनमेंट का खर्च,  उपयुक्त साहित्य ऐसे बहुत से खर्च उठाने होते हैं.

सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी कितनी होती है ?

अगर आप सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी के बारे में सोच रहे हैं तो, आपको बता दूं कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी अन्य इंजीनियर के तुलना में हमेशा ही ज्यादा होती है.  सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एक ऐसी फील्ड है जिसमें काफी ज्यादा पैसा मिलता है. अगर हम यह सोचे कि भारत में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी कितनी होती है ?  तो इसका जवाब है भारत में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलेरी 45 से लेकर 50000 तक शुरुआत में ही होती है.

लेकिन कंपनी और कॉलेज के हिसाब से सैलरी भी अलग-अलग हो सकती है. अगर आपने काफी प्रचलित कॉलेज से सॉफ्टवेयर इंजीनियर की डिग्री हासिल की है तो, आप को सैलरी भी वैसी ही मिलेगी. इसके अलावा अगर आप किसी छोटे कॉलेज से भी निकले हो और आपके पास टैलेंट की कोई कमी नहीं है तो आपकी सैलरी ज्यादा ही होने वाली है. सैलरी इस पर भी डिपेंड करती है कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर क्या काम करता है ? उसके हिसाब से उसे सैलरी दी जाती है .

सॉफ्टवेयर इंजीनियर के बारे में यह एक बात काफी मजेदार है कि, सॉफ्टवेयर इंजीनियर को शुरुआत से ही सालाना पैकेज सैलरी के तौर पर दिया जाता है. जो उसके अनुभव के साथ-साथ ही काफी ज्यादा बढ़ जाता है. मान लेते हैं कि अगर कोई सॉफ्टवेयर इंजीनियर 700000 वार्षिक सैलरी से कंपनी में कार्यरत हुआ हो तो उसकी सैलरी अगली 2 साल में वार्षिक 10 से 15 लाख के बीच में हो सकती है. यही अगर वह काफी ज्यादा अनुभवी है तो उसकी सैलरी मासिक 25 से लेकर 45 लाख प्रतिवर्ष हो सकती है. तो आप समझ ही सकते हैं कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी भारत में भी काफी ज्यादा है .

यह तो थी भारत में काम करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी अब हम जानते हैं कि अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कितनी सैलरी मिलती है तो इसका जवाब है कि  अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर को सालाना 1 लाख से ज्यादा डॉलर सैलरी दी जाती है .

क्या सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में स्कोप है ?

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का स्कोर कितना है यह बताने की तो आपको जरूरत भी नहीं है. क्योंकि आप देख ही रहे हैं कि आजकल का जमाना पूरी तरह से डिजिटल हो चुका है. आप अपने मोबाइल में जो मोबाइल एप्लीकेशन इस्तेमाल करते हैं उन्हें भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर ही बनाता है. पहले जो काम आप पुराने तरीके से करते थे आज वह सब काम कंप्यूटर और मोबाइल के माध्यम से किए जाते हैं. तो आप इसे समझ ही सकते हैं कि इन्हें बनाने वाले जो कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. उन्हें कितना स्कोप होगा.

सॉफ्टवेयर इंजीनियर का स्कोप दिनों-दिन बढ़ते ही जा रहा है. क्योंकि पूरी दुनिया ने डिजिटल माध्यम को स्वीकार कर लिया है. और मैं आपको यह भी बता दूं कि आने वाले भविष्य में सॉफ्टवेयर इंजीनियर का स्कोप काफी ज्यादा बढ़ने वाला है. आप एक इंटरनेट के युग में जी रहे हो. जहां पर सब कुछ डिजिटल माध्यम में चल रहा है जो कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर ही संभाल रहे हैं.

भारत में भी मोबाइल तथा कंप्यूटर यूजर्स की संख्या दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है. इसी कारण सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की डिमांड भी बहुत तेजी से बढ़ रही है. आने वाले समय में हर कोई पढ़ा लिखा होगा जो कि मोबाइल का इस्तेमाल करेगा इसी कारण आने वाले भविष्य में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ने वाली है.

सॉफ्टवेयर इंजीनियर किसी सॉफ्टवेयर कंपनी के लिए सॉफ्टवेयर बनाने का काम करते हैं. और कहीं सॉफ्टवेयर इंजीनियर ऐसे भी होते हैं जो  किसी कंपनी के लिए काम करना पसंद नहीं करते. जो खुद ही अपने टैलेंट का उपयोग करके कुछ ऐसा सॉफ्टवेयर या मोबाइल एप्लीकेशन बनाते हैं जिससे कि वह पूरी जिंदगी पैसिव इनकम कमा सके. भारत में सबसे ज्यादा स्टार्टअप होते हैं जो कि ज्यादातर सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहे हैं. तो इसी से आपको अंदाजा लग गया होगा कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर की डिमांड आने वाले समय में कितनी ज्यादा बढ़ने वाली है.

बिना डिग्री के सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने ?

काफी सारे लोगों के मन में यह सवाल हमेशा ही आता होगा, कि क्या सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए हमें सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की डिग्री ही लेनी पड़ेगी? या फिर बिना डिग्री के सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने? तो   इसका ही जवाब मैं आपको थोड़ा विस्तार से देना चाहता हूं.

अगर आपके पास सॉफ्टवेयर इंजीनियर की डिग्री नहीं है. या आप सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग  किए बिना ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हो. तो आपके लिए यह खुशखबरी है कि आप बिना डिग्री किए भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हो.

आपको जानकर हैरानी होगी कि सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के जो काम है वह ज्यादातर वही लोग कर रहे हैं जिन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की डिग्री नहीं की है. जो कि बाहर से ही या इंटरनेट से कुछ सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के  कोर्स पूरे कर कर सॉफ्टवेयर  इंजीनियर के काम कर रहे हैं. काफी कंपनियां भी ऐसे लोगों को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के काम के लिए चुनती है. जिनके पास कोडिंग का नॉलेज हो. फिर वह यह भी नहीं  देखते कि वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर है या नहीं. उन्हें बस काम से मतलब होता है.

काफी सारे लोग आपको ऐसे मि  जाएंगे कि उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कभी की ही नहीं है. फिर भी वह  कोडिंग कर सकते हैं. और खुद के सॉफ्टवेयर और मोबाइल एप्लीकेशन बना सकते हैं. इसका अगर सबसे बड़ा उदाहरण मैं आपको देना चाहूं तो, पब जी मोबाइल गेम जो कि एक सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के व्यक्ति ने नहीं बनाया है. वह व्यक्ति एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर था. और इसी का अगर मैं दूसरा उदाहरण देना चाहूं तो गूगल कंपनी मे काम करने वाले 40% से ज्यादा  लोगों के पास सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की डिग्री नहीं है. लेकिन वह उनके टैलेंट के दम पर वहां काम कर रहे हैं.

तो आप समझ ही सकते हैं कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए आपको सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की डिग्री ही आवश्यक हो ऐसा कुछ भी नहीं है. आप स्वयं से सीखकर भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हो.

अन्य पढ़े –

Related Articles

6 COMMENTS

  1. I am in fact thankful to the holder of this site who has shared this wonderful article at at this time.|

  2. Nice post. I was checking constantly this blog and I’m impressed! Extremely helpful info specifically the last part 🙂 I care for such info a lot. I was seeking this certain info for a long time. Thank you and best of luck.|

  3. Greetings! Very helpful advice in this particular article! It’s the little changes that produce the most important changes. Thanks a lot for sharing!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Trending Stories